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अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को स्वावलंबी बनाने के लिए राज्यपाल ने ली अधिकारियों की बैठक

बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में त्वरित विकास के लिए कृषि और स्वरोजगार आधारित आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.

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राज्यपाल मीटिंग

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Published : Jul 10, 2020, 6:53 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में स्वावलंबी और उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी देहरादून, मुख्य विकास अधिकारी समेत अन्य आलाधिकारी मौजूद रहे.

बता दें कि बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में त्वरित विकास के लिए कृषि और स्वरोजगार आधारित आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए. इसके साथ ही इन गांवों में कृषि उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाना बेहद जरूरी है. गौरतलब है कि इस बैठक के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने जल्द देहरादून के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव झाझरा के भ्रमण पर जाने का फैसला लिया है. इसके साथ ही राज्यपाल इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों से भी सीधे संवाद करेंगी.

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बता दें कि जनपद देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1,19,123 है. वहीं, शहरी क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति की जनसंख्या 109778 है. जनपद देहरादून के चकराता, त्यूनी, कालसी, विकासनगर, देहरादून और ऋषिकेश तहसीलों में कुल 141 गांव अनुसूचित बाहुल्य गांव हैं. यहां 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के व्यक्ति निवासरत हैं.

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