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केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों की सीमा बढ़ाने के लिए सरकार दायर करेगी पुनर्विचार याचिका, संचालकों को आश्वासन - chardham yatra 2023

चारधाम यात्रा में खासतौर से यमुनोत्री और केदारनाथ धाम जाने के लिए घोड़ा खच्चर एक महत्वपूर्ण साधन हैं. इस बार केदारनाथ यात्रा में सीमित संख्या में घोड़ा खच्चर संचालकों को लाइसेंस दिए गए हैं. और अधिक घोड़ा खच्चरों को केदारनाथ यात्रा में लगाने की अनुमति देने की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने सतपाल महाराज से मुलाकात की. महाराज ने रुद्रप्रयाग के डीएम से कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने के निर्देश दिए.

Kedarnath Yatra
केदारनाथ यात्रा घोड़ा खच्चर

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Published : May 6, 2023, 4:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा जोरों से चल रही है. हालांकि, बीते दिन मौसम खराब होने के चलते चारधाम यात्रा थोड़ी प्रभावित जरूर हुई. लेकिन वर्तमान से में श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने का सिलसिला जारी है. वहीं, घोड़ा खच्चर संचालकों के पंजीकरण में काफी दिक्कतें आ रही हैं. इसकी मुख्य वजह ये है कि केदारनाथ यात्रा के लिए सीमित संख्या में ही घोड़ा-खच्चर संचालकों को अनुमति दी जा रही है. जिसके चलते शनिवार को घोड़ा-खच्चर संचालकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया.

सतपाल महाराज से मिला घोड़ा खच्चर संचालकों का प्रतिनिधिमंडल: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद कहा कि केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की जरूरतों को देखते हुए चमोली जिले के घोड़ा खच्चर संचालकों को भी अनुमति दी जायेगी. साथ ही महाराज ने प्रतिनिधि मंडल को आवश्वत करते हुए कहा कि संचालकों की उपेक्षा नहीं की जायेगी. ना ही कोई भेदभाव किया जाएगा. इस मामले को लेकर महाराज ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को जल्द से जल्द कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

सतपाल महाराज ने डीएम को दिया ये निर्देश: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चमोली जिले के घोड़ा खच्चर संचालकों को केदारनाथ यात्रा में सेवाएं देने के लिए लाइसेंस नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे इन संचालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते उन्होंने रुद्रप्रयाग डीएम को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में जल्द से जल्द पुनर्विचार याचिका दाखिल करें. इसके साथ ही महाराज ने कहा कि इस मामले को लेकर उनकी शासन के अधिकारियों से भी बातचीत हुई है. जिससे पता चला है कि केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संचालन की सीमा का प्रावधान है.
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इस वजह से नहीं मिल पा रहे घोड़ा खच्चरों के लाइसेंस:यही वजह है कि चमोली जिले के घोड़ा-खच्चर संचालकों को लाइसेंस नहीं दिए जा रहे हैं. जिसके बाद महाराज ने रुद्रप्रयाग डीएम को कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के लिए पत्र तैयार करने को कहा है. साथ ही इस पत्र को शासन को भेजने के भी निर्देश दिए हैं. जिससे शासन के स्तर से न्यायालय में पुनर्विचार याचिका जल्द से जल्द दाखिल की जा सके. साथ ही महाराज ने कहा कि सरकार चमोली के घोड़ा-खच्चर संचालकों के साथ खड़ी है. जल्द ही उनकी समस्याओं का निस्तारण कर दिया जाएगा.

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