देहरादून:उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार समय-समय पर ना सिर्फ पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने का काम करती है, बल्कि वहां की व्यवस्थाओं को भी मुकम्मल करती है. उत्तराखंड ईको टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं. उत्तराखंड सरकार प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने को लेकर ऐसी तमाम जगहों को चिन्हित किया है, जिनको ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि आने वाले समय में ईको टूरिज्म भी एक बेहतर विकल्प बन सके. (eco tourism destination in Uttarakhand) (Uttarakhand Tourism)
उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच ईको टूरिज्म की एक बड़ी संभावना है. ऐसे में राज्य सरकार ने प्रदेश के कई पर्यटक स्थलों को ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए हैं, ताकि देश के तमाम हिस्सों से आने वाले पर्यावरण प्रेमियों को एक बेहतर डेस्टिनेशन उपलब्ध कराया जा सके. दरअसल, उत्तराखंड पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि उत्तराखंड में कई तरह के पर्यटक आते हैं, जिसमें मुख्य रूप से धार्मिक पर्यटकों के साथ ही की खूबसूरत वादियों के दीदार करने और वादियों के बीच कुछ सुकून के पल बिताने के लिए भी आते हैं.
उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जाने की अपार संभावनाएं हैं, जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जाने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें वन विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे. ताकि दोनों विभागों के अधिकारी ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन को विकसित करने के लिए रोड मैप तैयार करेंगे.
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए संरक्षित एवं आरक्षित वन क्षेत्रों में ईको पर्यटन गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. विभाग ने पर्यटकों के लिए ईको पार्क समेत तमाम अन्य ईको डेस्टिनेशन विकसित किये गए हैं. जहां, पर्यटक पहुंचकर खूबसूरत वादियों का दीदार कर सकेंगे. हालांकि, जो ईको डेस्टिनेशन विकसित किए गए, उन डेस्टिनेशन में तमाम मूलभूत सुविधाओं के साथ ही प्रकृति के खूबसूरती को संजोया गया है, ताकि जब पर्यटक ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन में पहुंचे तो उनका प्रकृति से सीधा जुड़ाव हो सके.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारी मिलकर समीक्षा करेंगे, ताकि ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके. वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जो क्षेत्र सेंचुरी क्षेत्र से बाहर है, उसको विकसित किए जाने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन विभाग और पर्यटन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी, ताकि आपसी समन्वय बनाते हुए नए ईको डेस्टिनेशन विकसित की जा सके.