देहरादून: उत्तराखंड में लोकायुक्त के गठन को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता पर काबिज हुई त्रिवेंद्र सरकार ने लोकायुक्त के गठन की बात कही थी. त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल को 4 साल होने को हैं लेकिन अभी तक लोकायुक्त का गठन नहीं हो पाया है. वहीं, इस मामले में सूचना का अधिकार में मिली जानकारी काफी चौंकाने वाली है. सूचना के अधिकार में लोकायुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक इसके कार्यालय और स्टाफ पर 13 करोड़ 38 लाख 89 हजार 303 रुपये खर्च हो चुके हैं.
राज्य में लोकायुक्त का गठन न होने के बावजूद भी लोकायुक्त कार्यालय में फरियादियों की संख्या बढ़ती जा रही है. अभी तक, लोकायुक्त कार्यालय में 1,543 शिकायतें लटकी हुई हैं. इनमें से पिछले 7 सालों के भीतर 904 शिकायतें लोकायुक्त कार्यालय में पहुंची. जहां एक ओर लोकायुक्त कार्यालय में फरियादियों द्वारा शिकायतें की जा रही हैं, वहीं लोकायुक्त का गठन न होने के बावजूद इस पर साल दर साल खर्च बढ़ता जा रहा है.
लोकायुक्त कार्यालय, स्टाफ पर खर्च हो चुके हैं करीब 13 करोड़
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