देहरादून: तकनीकी युग में बच्चों के हाथों में मोबाइल और टैबलेट दिखाई देते हैं, जिससे छात्र एक खास हुनर से दूर होते जा रहे हैं. दरअसल हम बात बच्चों के हस्तलेखन या अंग्रेजी में हैंडराइटिंग की कर रहे हैं. कभी स्कूली छात्रों के लिए सुंदर हस्तलेखन एक विशेष प्रतिभा मानी जाती थी और इससे जुड़ी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती थीं. धीरे-धीरे इसे नंजरअंदाज किया जाने लगा. ऐसे में शिक्षक नरेंद्र गोस्वामी ने ऐसा जिम्मा उठाया है, जो हर छात्र को हुनर बंद बना रहा है. मोतियों सा चमकता श्रुतलेख आज केवल इन बच्चों को ही नहीं, बल्कि इस स्कूल को भी खास पहचान दिला रहा है.
अंग्रेजी के अल्फाबेट और हैंडराइटिंग लोगों का मनमोह लेती है स्कूल के सभी छात्र श्रुतलेखन में हैं माहिर:राजकीय जूनियर हाईस्कूल करुली में कार्यरत शिक्षक नरेंद्र गोस्वामी बच्चों को एक नए आयाम और ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं. उनका मकसद हर बच्चे में प्राचीन विधा को संजोना है, जिसे कभी संरक्षित करने का विचार किसी ने नहीं किया हो. नरेंद्र गोस्वामी की मेहनत का ही नतीजा है कि आज बागेश्वर के इस स्कूल की चर्चा पूरे प्रदेश में होती है. जो भी बच्चों की लिखावट देखता है, वह तारीफ किए बिना नहीं रह पाता है. सबसे खास बात यह है कि इस स्कूल में कागज पर मोतियों को बिखरने की यह कला किसी एक या दो छात्रों में ही नहीं है, बल्कि स्कूल के अधिकतर बच्चों में है.
राजकीय जूनियर हाईस्कूल करुली की पूरे प्रदेश में हो रही चर्चा नरेंद्र गोस्वामी एक्स्ट्रा क्लास लेकर करते हैं काम:आज बागेश्वर का यह सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश और देश भर के सरकारी स्कूलों के लिए एक प्रेरणा बन गया है. हाथों में चमत्कारी कलम लिए इस स्कूल के बच्चे न केवल हिंदी लेखन के सम्राट बन गए हैं, बल्कि अंग्रेजी के अल्फाबेट और हैंडराइटिंग से लोगों का मनमोह लेते हैं. शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने के बाद इसके लिए नरेंद्र गोस्वामी एक्स्ट्रा क्लास लेकर काम करते हैं. साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण का खाका तैयार किया है.
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छात्रोंं को सरकार के संदेश लिखने की मिली जिम्मेदारी:शिक्षक नरेंद्र गोस्वामी ने बताया कि छात्र भी बेहद लगन के साथ इस कार्य को करते हैं, इसीलिए सुहस्त लेखन में पारंगत हो रहे हैं. श्रुतलेख के शहंशाह ये बच्चे कई मंच और अफसरों से वाहवाही बटोर चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि हुनरमंद बन चुके इन बच्चों को राज्य सरकार ने भी एक खास जिम्मेदारी सौंपी है. दरअसल मुख्यमंत्री और तमाम मंत्रियों ने सरकारी संदेशों को भी इन्हीं छात्रों की हैंडराइटिंग में लिखवाने का फैसला लिया है. भले ही यह संदेश मुख्यमंत्री या किसी मंत्री या राज्यपाल का हो, लेकिन इसमें लिखने वाले छात्र का नाम भी अंकित किया जाएगा, ताकि बाकी छात्रों को भी सुंदर हस्तलेखन को लेकर प्रेरणा मिल सके.
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