देहरादून: उत्तराखंड भूकम्प की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है. सम्पूर्ण राज्य भूकंप की श्रेणी में जोन 4.5 में आता है. बीते दिनों लगातार निरंतर अंतराल से प्रदेश में आये छोटे और मध्य श्रेणी के भूकम्प दिखा रहे हैं कि इस क्षेत्र में भूकम्पीय गतिविधियां बढ़ रही हैं. भूकंप से होने वाली क्षति को कम करने के लिए उत्तराखंड के अंतर्गत भूकंप सुरक्षा के दृष्टिगत विगत के वर्षों में कई कार्य उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) द्वारा किये जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें-पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल को ग्लोबल ग्रीन अवार्ड 2020 से किया गया सम्मानित
राज्य में लगभग 18000 सरकारी भवनों की रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग (RVS) की गई है. जिसके आधार पर भवनों की घातकता को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है. यह डेटा सभी लाइन विभागों को सुनियोजित तरीके से भूकम्प सुरक्षित बनाये जाने हेतु उपलब्ध भी कराया गया है. वर्तमान में 90 अस्पतालों की रेट्रोफिटिंग DPR का कार्य भी प्रतिपादित किया गया है.
चरणबद्ध तरीके से इन भवनों की रेट्रोफिटिंग का कार्य भी किया जा रहा है. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकम्प अवरोधी निर्माण शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षमता विकास के कार्यक्रमों पर अधिक बल दिया गया है. जिसमे तकनीकी संस्थानों के साथ मिल कर राजमिस्त्री प्रशिक्षण, इंजीनर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम कराये गए हैं.
ये भी पढ़ें-ट्रैफिक पुलिस सख्त, स्टीकर और नंबर प्लेट पर रुआब दिखाने वालों पर होगा एक्शन
इसके अलावा विभिन्न निर्माणदायी संस्थाओं में उक्त विषय हेतु जनजागरूकता को बढ़ावा दिया गया है. बेहतर आपदा अवरोधी निर्माण शैली और बेहतर निर्माण कार्य तकनीक का इस्तेमाल करके भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. जिसके लिए उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्रधिकरण भारत सरकार के सहयोग से धरातल पर कार्य कर रहा है.
ये भी पढ़ें:कोरोना तय करेगा महाकुंभ-2021 का स्वरूप, जानिए क्यों?
वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय राज्य में दो परियोजनाएं गतिमान हैं, जिनमे से नेशनल सिस्मिक रिस्क मिटिगेशन परियोजना (NSRMP) उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा सभी लाइन विभागों जैसे रूरल वर्क विभाग, रेवेन्यू आदि के साथ सामंजस्य स्थापित कर परियोजना के विभिन्न कंपोनेंट्स में किया जा रहा है. USDMA की देख रेख में प्रतिपादित किये जा रहे हैं. इन कार्यों में विभागों के भवनों का रेट्रीफिटिंग किये जाने तथा राज्य के संवेदनशील पुलों का रेट्रोफिटिंग तथा डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाए जाने का कार्य गतिमान है.
ये भी पढ़ें:कुंभ, कोरोना और 'हिफाजत', उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
वर्तमान में भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सामंजस्य से पायलट प्रोजेक्ट जिसमे भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील इमारतों की रेट्रीफिटिंग की जानी प्रस्तावित है. जिनमें ग्रामीण विभाग के सहयोग से विभिन्न कार्यों को किया जाना है. जिसमें 5 सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग, 15 भवनों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी का कार्य सीबीआरआई रुड़की को सौंपा गया है. परियोजना के अंतर्गत मॉडल रूप में 5 भवनों की रेट्रोफिटिंग किया जाना है.