देहरादून: उत्तराखंड में गर्मियों के मौसम के दौरान राज्य भर में कई क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से कृषि उद्यान सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है. विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर सरकार ने अधिकारियों को किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
मौसम में आए बदलाव ने राज्य की खेती और बागवानी पर असर डाला है. फिलहाल उद्यान विभाग की तरफ से अब तक 42 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है. हालांकि, अब भी विभागीय अधिकारी देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने में जुटे हुए हैं. यही, नहीं कृषि को हुए नुकसान पर भी फिलहाल राजस्व विभाग के अधिकारियों को आकलन करने के लिए कहा गया है.
अतिवृष्टि-ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सरकार ने मांगा ब्यौरा पढ़ें-कोरोना में कितना असरदार है आयुर्वेद, जानिए डॉक्टरों की राय
बता दें कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की तरफ से की जाने वाले आकलन के आधार पर ही क्षतिपूर्ति को लेकर स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी. वैसे अब तक 9 जिलों का आकलन हो पाया है, जिसमें अभी पूरा होमवर्क करना बाकी है. फिलहाल 9100 हेक्टेयर में मौजूद फसल को नुकसान होने का आकलन लगाया गया है, जिसमें करीब 30% से 50% तक का नुकसान संभावित है.
पढ़ें-PPE KIT के नाम पर निजी अस्पतालों में लूट, आंख मूंदे है सरकार
उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि इस संबंध में अधिकारियों को स्टैंडिंग ऑर्डर दिए गए हैं, जिसमें तत्काल राजस्व अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के लिए कहा गया है. इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि नुकसान हुई जगह पर कितने किसान पहले से ही सीमित हैं. कितनों ने अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया है. इस दौरान बीमा वाली फसलों के लिए कंपनियों को जानकारी देकर उसका मुआवजा लिया जाएगा. उधर जो फसलें बीमित नहीं होंगी, उसको जिला प्रशासन के माध्यम से एसडीआरएफ फंड से मुआवजा दिया जाएगा.