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कर्मकार बोर्ड के घपले में शासन हुआ सख्त, अधिकारियों पर जल्द गिरेगी गाज - कर्मकार बोर्ड घपले मामले में अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए घपले के सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. जिसके आधार पर सरकार जल्द ही कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.

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कर्मकार बोर्ड के घपले में शासन हुआ सख्त

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Published : Dec 10, 2020, 3:35 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 4:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड के ऑडिट खत्म होने का सरकार को इंतजार है. खबर है कि सरकार जिम्मेदार अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई करने का साथ वसूली जैसे कदम भी उठा सकती है. खास बात यह है कि बोर्ड में जांच को लेकर अलग-अलग स्तर पर की गई अनियमितताओं का अलग-अलग रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है.

उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड में एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में साइकिल वितरण में हुई अनियमितता से लेकर कार्यालय के किराए में हुए गोलमाल तक की अलग-अलग जांच की जा रही है. खबर है कि शासन स्तर पर भी अधिकारियों को इस मामले में तेजी और सख्ती के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

कर्मकार बोर्ड के घपले में शासन हुआ सख्त.

पढ़ें-मंत्री हरक सिंह बोले- कर्मकार बोर्ड का 2012 से नहीं हुआ ऑडिट तो सिर्फ मुझसे सवाल क्यों?

सबसे पहले जानिए कर्मकार कल्याण बोर्ड में घपला मिलने पर जो जांच गतिमान है. उसमें साइकिल वितरण का मामला कर्मकार कल्याण बोर्ड में सबसे महत्वपूर्ण विषय है. जिसमें देहरादून में वितरित की गई साइकिलों के लिए जिलाधिकारी देहरादून के स्तर पर भी जांच की गई है और इसकी रिपोर्ट शासन में जमा की जा चुकी है. उधर, एजी (महालेखाकार) की जांच में भी साइकिल वितरण के विषय पर अलग से जांच की जा रही है।

बोर्ड में वित्त विभाग की मंजूरी के बिना कर्मियों की नियुक्ति का मामला भी काफी गर्म है. इस मामले में भी एक तरफ जहां कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई की गई है तो दूसरी तरफ वित्त विभाग की मंजूरी के बिना अब तक हुए भुगतान को लेकर भी जांच गतिमान है.

राजधानी में कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय पर भी विवाद है और इस मामले में भी वित्त की मंजूरी नहीं होने की बातें सामने आ रही हैं. मामले पर जांच के दौरान बोर्ड द्वारा कार्यालय किराए पर लिए जाने की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.

मंत्री हरक सिंह रावत के अस्पताल को इंपैनल करने का मामला भी चर्चाओं में है. इस मामले पर भी दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है कि कैसे मंत्री के अस्पताल को इंपैनल किया गया और इसकी प्रक्रिया को लेकर भी जांच की जा रही है. बोर्ड में इसके अलावा विभिन्न योजनाओं की भी जांच की जा रही है. एजी बोर्ड में अब तक लिए गए वित्तीय निर्णय का ऑडिट कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 4:01 PM IST

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