देहरादून: कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे देशभर के स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं है. केंद्र सरकार के नये कानून के मुताबिक मेडिकल टीम पर हमला करने के दोषियों को 3 महीने से 7 साल तक की सजा होगी.
स्वास्थ्यकर्मियों पर बीते कुछ दिनों में लगातार आ रही हमले की खबरें परेशान करने वाली थीं. सरकार ने पहले लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात बनती नहीं देख केंद्र सरकार कड़ा कानून लाने पर मजबूर हुई. केंद्र के नये कानून के मुताबिक उत्तराखंड में स्वास्थ्यकर्मियों की विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय में भी एक आईजी रैंक और एसपी रैंक के अधिकारी मेडिकल टीम की सुरक्षा पर विशेष नजर रखेंगे.
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महानिदेशक अपराध एवं कानून अशोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार के आदेशानुसार स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पुख्ता की जा रही है. प्रदेश के हर एक जिले में मेडिकल टीम की सुरक्षा-व्यवस्था को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा रहा है. जो एसपी सिटी स्तर का होगा. इसके साथ ही प्रदेश के 9 जिलों में तैनात एसपी ही इस जिम्मेदारी को विशेष रूप से देखेंगे. केंद्र के अध्यादेश के मुताबिक डॉक्टरों पर हमला गैरजमानती अपराध होगा और 30 दिन में जांच पूरी होगी. पूरे मामले पर एक साल में फैसला आ जाएगा.
इन प्वॉइंट्स में समझिए
- मेडिकल टीम पर हमला करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी.
- मेडिकल टीम पर हमला गैरजमानती अपराध होगा.
- हमले से जुड़े मामलों पर 1 साल के अंदर फैसला आएगा.
- दोषियों को 3 महीने से 5 साल की सजा मिलेगी.
- हमले के गंभीर अपराध पर 6 महीने से 7 साल की सजा.
- पीड़ित को 50 हजार से 2 लाख मुआवजे का प्रावधान है.
- हमलावरों पर 1 लाख से 7 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा.
- डॉक्टरों पर हमला करने और तोड़फोड़ करनेवालों को भी सजा.
- गाड़ी और क्लीनिक को नुकसान पहुंचाने पर दोगुना हर्जाना.