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विजयादशमी: गोरखा समाज की अनोखी मान्यता, पांच दिनों तक चलता है उत्सव

गोरखा समाज में इस बात की मान्यता है कि परिजनों में रूठों को मनाने और नए रिश्तों को मजबूती से जोड़ने के लिए दशाई टिका (दशहरा तिलक) लगाया जाता है.

गोरखा समाज

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Published : Oct 10, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 5:25 PM IST

देहरादून:देश भर में जहां विजयादशमी का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा चुका हैं. वहीं, विजयादशमी को लेकर गोरखा समाज में अनूठी परंपरा है. गोरखा समाज के लोग 5 दिनों तक यानी पूर्णमासी तक इस त्योहार को मनाते है. इस दौरान वे दही-चावल का तिलक लगाकर रिश्तों को मजबूत बंधन के डोर में बांधने की रस्म अदा करते हैं.

इतना ही नहीं तिलक करने के बाद हरियाली कान और बालों में लगाकर दक्षिणा के साथ अपने से छोटो को आशीर्वाद देते है. गोरखा समाज में इस बात की मान्यता है कि परिजनों में रूठों को मनाने और नए रिश्तों को मजबूती से जोड़ने के लिए दशाई टीका (दशहरा तिलक) लगाया जाता है. इससे रिश्ते मजबूत होते है.

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इस त्योहार को मनाने के लिए देश-विदेश से गोरखा समाज के लोग अपने पैतृक घर पहुंचते हैं. इस दौरान तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते है. जिसका परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर लुत्फ उठाते है.

गोरखा समाज की अनोखी मान्यता.

इस त्योहार के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कुलदीप गुरुंग ने बताया कि यह रीति रिवाज उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है. जिसे वो उसी तरह से निभाते आ रहे है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी ने जहां लोगों के पास एक-दूसरे के लिए समय नहीं है. ऐसे में गोरखा समाज के लोग पांच दिनों तक परिवार के बीच रहते है और अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर दशाई त्योहार को मनाते है, ताकि परिवार में प्यार बना रहे.

Last Updated : Oct 10, 2019, 5:25 PM IST

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