देहरादून: दून विश्वविद्यालय में बुधवार को द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान हंस फाउंडेशन की प्रणेता माता मंगला को डी लिट की मानद उपाधि दी गई. महंत देवेंद्र दास को भी डी लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई. एसजीआरआर विवि के कुलपति डॉ उदय सिंह रावत ने प्रतिनिधि के तौर पर उपाधि प्राप्त की.
राज्यपाल गुरमीत ने दून विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए माता मंगला और महंत देवेंद्र दास को डी-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया.
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कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाई. राज्यपाल ने कहा कि कठिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं. राज्यपाल ने छात्रों से कहा आप डिग्री लेकर जा रहे हैं, ये भविष्य की ओर आपका पहला कदम है. इस प्रदेश की महिलाओं में अलग ऊर्जा है.
समारोह में दून विश्विद्यालय के 2017, 2018, 2019, 2020, 2021 बैच के छात्रों को उपाधि प्रदान की गई. वहीं 2017, 2018, 2019, 2020 बैच के स्वर्ण पदक विजेताओं को डिग्री प्रदान की गई.
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने समारोह में सम्मिलित होकर एक सुखद एहसास की अनुभूति जाहिर की. उन्होंने नई शिक्षा को समक्ष छात्रों के साथ उजागर कर बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गंभीर रूप से कार्य कर रही है तथा सरकार पिछले साढ़े चार साल से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है.
उन्होंने दीक्षांत समारोह की थीम महिला सशक्तिकरण के विषय पर सरकार के नारी सशक्तिकरण के कार्य को बताया गया कि राज्य के 13 जनपदों में 13 बालिका छात्रावास के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है, जिससे बेटियों की पढ़ाई और सुगम हो सकेगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जाति सरकार के तरफ से कोचिंग के लिए निशुल्क सहायता दी जाएगी. साथ ही मेधावी गरीब छात्रों के लिए सरकार पीएचडी के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी. वहीं राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध को जल्द दिसंबर के आखिर में उद्घाटन किया जाएगा.