देहरादून: बीते लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया. 63 साल के पर्रिकर एक साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे. उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, सीएम त्रिवेंद्र रावत समेत कई नेताओं ने पर्रिकर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है.
उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. वहीं, कल मनोहर पर्रिकर के लिए कल सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट में शोकसभा का आयोजन किया जाएगा. राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह जानकारी दी गई.
12 दिसंबर 2016 को आखिरी बार आए थे उत्तराखंड
बीमारी से पहले बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के समापन पर मनोहर पर्रिकर उत्तराखंड आए थे. 12 दिसम्बर 2016 को पर्रिकर ने देहरादून के टपकेश्वर मंदिर ग्राउंड में एक जनसभा की थी. जिसमें उन्होंने वन रैंक वन पेंशन लागू होने के बाद उत्तराखंड में सैनिकों परिवारों और पूर्व सैनिक को संबोधित किया था. रैली के बाद उन्होंने टपकेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भारत के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं, पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था. वह भारत के किसी भी राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से स्नातक थे. 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से स्नातक किया था. साल 2001 में आईआईटी मुंबई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी दी थी. भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता थे. 13 मार्च 2017 को पर्रिकर ने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
मनोहर पर्रिकर सबसे पहले 14 फरवरी, 2018 को बीमार पड़े थे. इसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. अगले दिन उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया. कुछ दिनों तक उनका अमेरिका में इलाज चला.
पिछले साल 15 सितंबर को उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया. इलाज के बाद पर्रिकर 14 अक्टूबर को गोवा लौट आए थे. उन्होंने 29 जनवरी को गोवा के बजट सत्र में भाग लेने के साथ ही अगले दिन राज्य का बजट भी पेश किया. सत्र के अंतिम दिन 31 जनवरी को उन्हें दिल्ली के एम्स में ले जाया गया था. वह पांच फरवरी को गोवा लौट आए और यहां पास में डोना पौला में स्थित अपने निजी आवास में रह रहे थे.