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कृषि में GIS तकनीक से होगा बदलाव, खेतों के बारे में मिलेगी सटीक जानकारी - ईटीवी भारत

कृषि मंत्रालय का कृषि में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास जारी है. इसके लिए उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने नई तकनीक अपनाई है. जिसकी मदद से किसानों के खेतों में डाले जा रहै उर्वरकों की जांच हो सकेगी.

कृषि में किया जाएगा GIS तकनीक का इस्तेमाल.

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Published : Jul 22, 2019, 7:59 PM IST

देहरादून:कृषि मंत्रालय के फसल कार्यक्रम के तहत कृषि में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास जारी है. उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC) इन दिनों रिमोट सेंसिंग एंड GIS बेस्ड एप्लीकेशन तकनीक के तहत कार्य कर रहा है.

कृषि में किया जाएगा GIS तकनीक का इस्तेमाल.

बता दें कि, भारतीय किसान अब तक अपने खेतों में जो उर्वरकों का इस्तेमाल करते थे उनकी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की जाती थी. लेकिन अब रिमोट सेंसिंग और जीआइएस तकनीक की मदद से सभी कृषि भूमियों का सेटेलाइट के माध्यम से रिकॉर्ड रखा जाएगा. जिससे ये पता लगाना आसान होगा की कृषि भूमि में किस चीज़ की कमी है.

रिमोट सेंसिंग औऱ GIS बेस्ड एप्लीकेशन के सम्बंध में जानकारी देते हुए USAC के निदेशक प्रो. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि इस खास तकनीक के तहत सभी कृषि भूमियों का सेटेलाइट के माध्यम से ऑनलाइन रिकॉर्ड रखा जाएगा.

इसके साथ ही रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस तकनीक से सभी कृषि भूमियों का विशेष हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा. जिससे किसानों को यह समझने में आसानी होगी कि आखिर उनकी कृषि भूमि किस फसल के बोने के योग्य है.

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