ऋषिकेश: तीर्थनगरी की एक पहचान रत्नों (नगों) के कारोबार से भी होती है. जिसकी खरीददारी के लिए भारत ही नहीं विदेशों से भी व्यापारी यहां आते हैं. जहां हर सीजन रत्नों का कारोबार होता रहता है. जो काफी उत्तम क्वालिटी के माने जाते हैं.
तीर्थनगरी की रत्नों से भी बनी पहचान, देश-विदेश से खरीददारी करने पहुंचते हैं लोग - Rishikesh News
ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए रत्नों की खरीदारी करते हैं.
![तीर्थनगरी की रत्नों से भी बनी पहचान, देश-विदेश से खरीददारी करने पहुंचते हैं लोग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/768-512-3080120-thumbnail-3x2-rish.jpg)
ऋषिकेश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं यहां आने के बाद लोग अपने ग्रहों के हिसाब से अंगूठी में या गले में पहनने के लिए रत्नों की खरीदारी करते हैं. यहां आने वाले यात्रियों की मानें तो ऋषिकेश में हर तरह के रत्न (नग) मिलते हैं. जिनको काफी उत्तम माना जाता है. जिस कारण लोग यहां आकर नगों (रत्न) की खरीदारी करते हैं. वहीं, ऋषिकेश में मिलने वाले नगों पर लोगों को अधिक विश्वास होता है. लोगों का कहना है कि यहां के खरीद कर नग धारण करने के बाद काफी कुछ बदलाव उनके जीवन में होता है.
जिस कारण नगों को लेकर तीर्थ यात्रियों को अधिक विश्वास रहता है. नगों का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की मानें तो यहां पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचकर नगों और रुद्राक्ष की खरीदारी करते हैं. ऋषिकेश में नीलम,पन्ना, पुखराज, गोमेद, स्फटिक, मोती जैसे कई प्रकार के नग आसानी से मिल जाते हैं. रत्नों का व्यवसाय करने वाले गजेंद्र नागर ने बताया कि यहां आकर जो लोग नग खरीदते हैं और धारण करते हैं उनका ऐसा मानना है कि उनके जीवन में कई बदलाव आए. उन्होंने आगे कहा कि यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग पहुंचते हैं और यहां मिलने वाले नगों को खरीद कर ले जाते हैं. वहीं, तीर्थनगरी में इस व्यवसाय से कई लोग जुड़े हुए हैं.