उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण उत्तराखंड में महंगी हुई बिजली, जानिए वजह - यूक्रेन रूस युद्ध का असर सीधे बिजली उत्पादन पर

यूक्रेन रूस युद्ध का असर उत्तराखंड में बिजली उत्पादन पर पड़ रहा है. गैस की आपूर्ति न होने की वजह से गैस आधारित बिजली तैयार नहीं हो पा रही है. ऐसे में उत्तराखंड में बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है. यह जानकारी ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने दी है. वहीं, बिजली की दरों में बढ़ोतरी का असर उपभोक्ताओं के जेब पर पड़ रहा है.

Etv Bharat
उत्तराखंड में गैस आधारित बिजली

By

Published : Jan 4, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 7:33 PM IST

उत्तराखंड के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का बयान.

देहरादूनःउत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल ने बिजली दरों में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा है. जिस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया, लेकिन बिजली की दरों में हो रही बढ़ोतरी का असर आम जनता पर पड़ रहा है. जिससे जनता आक्रोशित नजर आ रही है. बिजली की दरों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि राज्य में जो गैस आधारित पावर प्लांट (Gas Based electricity in Uttarakhand) लगाए गए थे, वो रूस यूक्रेन युद्ध के कारण (Ukraine Russia War) सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहे हैं.

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से मिले बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वेबसाइट पर जारी कर दिया है. अब आयोग इस पर जनसुनवाई के बाद निर्णय लेगा कि बिजली की दरों में कितनी बढ़ोतरी की जानी है. हालांकि, इसके बाद नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी. यूपीसीएल ने 15 दिसंबर को जो प्रस्ताव नियामक आयोग में भेजा था, उसमें नियम विरुद्ध 6.5 प्रतिशत सरचार्ज भी जोड़ लिया था. आयोग ने प्रस्ताव लौटाया तो यूपीसीएल ने 26 दिसंबर को नया प्रस्ताव दिया. इसमें सरचार्ज हटाकर 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गई.

उत्तराखंड के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम (Uttarakhand Energy Secretary R Meenakshi Sundaram) ने कहा कि राज्य में लाइन लॉस और ट्रिपिंग के कारण जो नुकसान होता है, उसी के चलते आपूर्ति पूरी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में डिमांड के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि कुछ दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग की तरफ से भेजा गया है. बरहाल, नियामक आयोग ने यूपीसीएल के इस प्रस्ताव को सभी हितधारकों के लिए वेबसाइट पर जारी कर दिया है. इसमें यूपीसीएल ने माना है कि उन्हें सरचार्ज हटाने के बाद 1507 करोड़ 13 लाख रुपए की जरूरत होगी, जिसकी भरपाई के लिए उन्हें 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की दरकार है.
ये भी पढ़ेंःऊर्जा प्रदेश में सर्दी में छूटेंगे पसीने, साल में चौथी बार बिजली के रेट बढ़ाने जा रहा यूपीसीएल

Last Updated : Jan 4, 2023, 7:33 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details