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पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से बागवानों से खिले चेहरे, बढ़ेगी पैदावार

प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से किसानों और बागवानों को लाभ हो रहा है. इस बर्फबारी का सीधा फायदा सेब, आड़ू और खुमानी जैसे पहाड़ी फलों की पैदावार करने वाले बागवानों को मिल रहा है.

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Published : Dec 2, 2020, 6:20 PM IST

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पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से बागवानों से खिले चेहरे

देहरादून: प्रदेश में दिन प्रतिदिन तापमान में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की जा रही है. ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में हो रही हल्की बर्फबारी से हवाएं काफी सर्द हो चुकी हैं. जिसका सीधा और सकारात्मक असर बागवानों और किसानों पर पड़ रहा है.

बता दें कि जिस तरह नवंबर महीने के दूसरे सप्ताह में प्रदेश के 3000 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हुई है यह बर्फबारी सिर्फ पहाड़ी फल, सब्जियों के लिए कि नहीं बल्कि फूलों की खेती के लिए भी बेहद ही शुभ संकेत लेकर आई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का सीधा फायदा सेब, आड़ू, और खुमानी जैसे पहाड़ी फलों की पैदावार करने वाले बागवानों को मिलेगा.

पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से बागवानों से खिले चेहरे

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दरअसल, बर्फबारी होने से तापमान में अच्छी खासी गिरावट हो चुकी है, जो कि फलों की अच्छी पैदावार के लिए बेहद ही जरूरी है. वहीं, दूसरी तरफ पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते फूलों की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा. विशेषकर वह किसान जो गुलाब की खेती करते हैं. गुलाब की अच्छी पैदावार के लिए तापमान का सामान्य से नीचे होना बेहद ही जरूरी है.

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गौरतलब है कि बर्फबारी का सीधा असर हमारे प्राकृतिक जल स्रोतों पर भी पड़ता है. दरअसल सूरज की तपिश के चलते जब बर्फ धीरे-धीरे पिघलती है तो बर्फ का पानी सीधे प्राकृतिक स्रोतों तक पहुंचता है. जिससे सूखने की कगार पर पहुंच चुके प्राकृतिक स्रोत दोबारा रिचार्ज हो पाते हैं.

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