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मेयर साहब! क्या यही है आपके दावों की हकीकत, बदबू और गंदगी के बीच जी रहे लोग

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Published : Jun 2, 2019, 9:49 PM IST

इन दिनों शहर के कई वार्डों में गंदगी पसरी हुई है. जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर लगा हुआ है. इतना ही नहीं नालियां चौक हो जाने से गंदगी सड़कों पर बह रही है. वार्डों में गदंगी और बदबू से लोगों का जीना दूभर हो गया है. उधर, नगर निगम दावा करता है कि शहर के सभी वार्डों में सफाई लगातार हो रही है, लेकिन ये गंदगी नगर निगम के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

दून के कई वार्डों में पसरा गंदगी का अंबार

देहरादूनःनगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लाख दावे और वादे करता है. इतना ही नहीं साफ-सफाई को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं भी की जाती हैं, लेकिन धरातल पर वादों की हकीकत नहीं दिख रही है. इसकी बानगी इनदिनों दून के कई वार्ड़ों में देखने को मिल रहा है. शहर के कई वार्डों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. बदबू और गंदगी से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे नगर निगम के दावों की पोल खुल रही है. वहीं, मामले पर निगम आचार संहिता का हवाला दे रहा है.

दून के कई वार्डों में पसरा गंदगी का अंबार.

दरअसल, इन दिनों शहर के कई वार्डों में गंदगी पसरी हुई है. जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर लगा हुआ है. इतना ही नहीं नालियां चौक हो जाने से गंदगी सड़कों पर बह रही है. वार्डों में गदंगी और बदबू से लोगों का जीना दूभर हो गया है. उधर, नगर निगम दावा करता है कि शहर के सभी वार्डों में सफाई लगातार हो रही है, लेकिन ये गंदगी नगर निगम के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

नगर निगम ने अपना दायरा तो बढ़ा दिया, लेकिन कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर पाया है. स्थानीय लोग वार्डों में साफ-सफाई को लेकर कई बार नगर निगम से शिकायत कर चुके हैं. बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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वहीं, मामले पर मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि शहर में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही लगातार सफाई अभियान चलाया जा रहा है. परिसीमन के पहले नगर निगम का क्षेत्रफल 65 किमी था. जो अब बढ़कर 196 किमी है. जिससे व्यवस्था बनाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. उनका कहना है कि आचार सहिंता के कारण कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो पाई है. अब आचार सहिंता खत्म होने पर कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी. इसके साथ सुरक्षा समिति भी बनाई जाएगी. जिससे जल्द ही सफाई की समस्या का समाधान हो जाएगा.

उधर, नगर निगम आचार संहिता का हवाला देकर मामले से बचता नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि गर्मी के मौसम शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है तो मानसून सीजन में क्या स्थिति होगी? ऐसे में नगर निगम शहर की व्यवस्थाओं को कैसे सुचारू रूप से चला पायेगा?

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