देहरादून:उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीजेपी के बड़े नेता और सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाया है. गणेश गोदियाल का आरोप है कि सहकारिता बैंकों की ओर से 30 करोड़ रुपए के लोन की बंदरबांट की गई है. गोदियाल का कहना कि मंत्री धन सिंह रावत के विभागों में सबसे अधिक घोटाले देखने को मिल रहे हैं, लेकिन जांच के नाम पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है.
गोदियाल ने आरोप लगाते हुए कि जब से धन सिंह रावत सहकारिता विभाग के मंत्री बने हैं, तब से लेकर अब तक नित नए-नए घोटाले सामने आ रहे हैं, यदि वास्तव में इन घोटालों की जांच की जाए तो यह अपने आप में उनके विभागों में हुए सबसे अधिक घोटालों के रूप में सामने आएंगे.
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गोदियाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि सहकारिता बैंकों में 30 करोड़ रुपए के लोन की बंदर बांट कर दी गई और उस धनराशि को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया. हाल ही में उत्तरकाशी में सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया था, लेकिन जांच नहीं हो पाती.
उन्होंने कहा कि ताजा मामले में कोऑपरेटिव बैंकों की ओर से बांटे गए 30 करोड़ के ऋण में गड़बड़ी की गई और बड़े पैमाने पर यूपी, बिहार समेत दूसरे राज्यों के लोगों को लोन बांट दिए गए. सवाल यह उठता है कि इसमें अघोषित रूप से किसको लाभ पहुंचा.
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उन्होंने जांच के तौर तरीकों पर भी सवाल उठाए हैं. गोदियाल ने कहा कि इस बात पर हैरानी होती है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मकसद सिर्फ भ्रष्टाचार करना रह गया है, क्योंकि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत पर कार्रवाई करने के लिए आखिर उन्हें कौन रोक रहा है? ऐसा लगता है कि केंद्र में बैठे नेताओं ने धन सिंह रावत को उत्तराखंड में भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस दिया हुआ है.