उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

डेंगू से लड़ेगी 'गम्बूजिया' मछली, दून प्रशासन का दावा - Uttarakhand News

डीएम आशीष श्रीवास्तव ने मच्छरों से मिटाने के लिए देहरादून में एक खास तरह की मछली का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. गम्बूजिया नाम की ये मछली खुले पानी में मच्छरों और उनके लारवा को खत्म कर देती है.

gambujia-fish-will-get-rid-of-dengue-in-dehradun
बढ़ते डेंगू के प्रकोप से बचाएगी 'गम्बूजिया' मछली

By

Published : Jun 26, 2020, 6:40 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 10:15 PM IST

देहरादून:हर साल डेंगू के प्रकोप से जूझने वाले दूनवासियों को इस बार एक खास मदद मिलने जा रही है. ये मदद किसी स्वास्थ्य एजेंसी या किसी एक्सपोर्ट से नहीं नहीं बल्कि एक ऐसी खास मछली से होगी जो दूनवासियों को डेंगू से दूर रखेगी. जिला प्रशासन इस बार राजधानी में डेंगू पर मछलियों से 'वार' करने जा रहा है. क्या है पूरा मामला आइये जानते हैं...

बढ़ते डेंगू के प्रकोप से बचाएगी 'गम्बूजिया' मछली

राजधानी देहरादून में डेंगू के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. स्वास्थ्य महकमे से लेकर जिला प्रशासन स्तर पर डेंगू की रोकथाम के लिए तमाम शुरुआती प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के पैदा होने से पहले ही इन्हें खत्म करने का एक खास प्लान तैयार किया गया है.

पढ़ें-एक जुलाई से श्रद्धालु कर सकेंगे जागेश्वर धाम के दर्शन, सोशल-डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन

जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने मच्छरों को मिटाने के लिए एक खास तरह की मछली का देहरादून में इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. गम्बूजिया नाम की ये मछली खुले पानी में मच्छरों और उनके लारवा को खत्म कर देती है. इसके लिए जिला प्रशासन ढाई लाख मछलियां देहरादून के विभिन्न तालाबों और नालियों में छोड़ने जा रहा है. इन मछलियों को उत्तराखंड के भीमताल और कोलकाता से मंगवाया जा रहा है.

पढ़ें-सर्विस के बाद हो रहा था ट्रायल, देखते ही देखते मिनटों में खाक हुई एक करोड़ की मर्सिडीज

जिला प्रशासन की तरफ से न केवल मछलिया छोड़ने बल्कि फॉगिंग और छिड़काव का भी काम किया जा रहा है. यही नहीं डेंगू में हालात बिगड़ने पर प्लाज्मा की जरूरत होने की स्थिति में भी तमाम रक्तदान करने वाली संस्थाओं से भी प्रशासन संपर्क रखे हुए हैं. दरअसल, राजधानी देहरादून में हर साल डेंगू का भयंकर प्रकोप देखने को मिलता है. जिसके कारण इस बार प्रशासन ने इस खतरे से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.

गम्बूजिया मछली के बारे में जानें

गम्बूजिया मछली को मच्छरों का दुश्मन कहा जाता है. इसे गटर गप्पी भी कहा जाता है. ये मछली तीन इंच तक लंबी होती है. इसका मुख्य भोजन मछलियों का लार्वा होता है. इस मछली की सबसे खास बात ये है कि ये अंडे नही बल्कि बच्चे देती है. इस मछली की पहचान ब्रिटिश नाविक जेम्स कुक ने की थी.

क्यों खास है ये मछली

दरअसल, ये एक ऐसी मछली है जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लार्वा को खा लेती है. डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से लड़ने के लिए ये एक तरह का ईको-फ्रेंडली तरीका है. गम्बूजिया मछली पानी में अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली चट कर जाती है. एक गम्बूसिया मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है. गम्बूजिया मछली को ग्रो होने में 3 से 6 महीने का वक़्त लगता है. एक मछली एक महीने में करीब 50 से 200 बच्चे दे सकती है. एक मछली करीब 4 से 5 साल जिंदा रह सकती है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 10:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details