गैरसैंण: त्रिवेंद्र सरकार ने बुधवार को गैरसैंण में इतिहास रच दिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट सत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की. लंबे समय से पहाड़ के लोग गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग कर रहे थे, जो आज पूरी हो गई.
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा करते ही सदन में भावुक हुए सीएम, बोले- मैंने वादा किया पूरा
17:50 March 04
सीएम ने ट्वीट कर जताई खुशी
भराडीसैंण में मीडिया से बात करते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के रुप में समर्पित करती है. गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन बनाने के श्रेय राज्य के शहीद आंदोलनकारियों और उन माताओं-बहनों को दिया जाता है, जिन्होंने इस प्रदेश को बनाने के लिए प्रताड़ना सही है.
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सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वे उत्तराखंड राज्य निर्माण की पहली बैठक से जुड़े रहे हैं. राज्य निर्माण के पीछे लोगों की भावना थी कि विकास दुरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे जो लखनऊ से नहीं पहुंचता था. इसीलिए अलग राज्य की मांग उठी थी.
उत्तराखंड सीमांत राज्य है, जो सामरिक दृष्टि के काफी महत्वपूर्ण है. एक समय कहावत थी कि पहाड़ का पानी और जवानी यहां के काम नहीं आती है. आज उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने को जो निर्णय लिया है ये उन्हीं भावनाओं और चिंतन का परिणाम है. ये एतिहासिक और गर्व का मौका भी है. आज तमाम जनभावनाओं को सम्मान हुआ है.