देहरादून:अब पूरी-पकौड़ी तलने के बाद बचे हुए तेल से गाड़िया चलेगी, जी हां अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे मुमकिन हैं, लेकिन यह दावा किया है एफएसएसएआई (खाद्य नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) ने. एफएसएसएआई अब यूज्ड कुकिंग ऑयल से बायो डीजल बनाने की तैयारी में है. इसके लिए RUCO प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया है.
दुकानदार अब एक ही तेल में 3 बार से अधिक खाद पदार्थ नहीं बना सकेंगे. क्योंकि बचे हुए खराब तेल को संग्रह कर इससे बायो डीजल बनाया जाएगा. जिससे गाड़ी चलेगी. इस योजना को RUCO नाम दिया गया है. इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने देहरादून हलवाई एसोसिएशन और देहरादून बेकरी एसोसिएशन के सहयोग से एक कार्यशाला भी आयोजित की.
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इसके लिए कुछ नियम बनाए गए है. नियम के मुताबिक, अब कोई भी हलवाई यूज्ड कुकिंग ऑयल को तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर सकते है. क्योंकि, तेल को बार-बार गर्म करने से इसमें टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) 25 फ़ीसदी से कहीं अधिक हो जाता है, जो इसे जहरीला बनाता है, ये सहेत के लिए हानिकारण हो सकता है, जो कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देता है.
इसके लिए हलवाई और बेकरी वालों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहले वो है जो रोजाना 50 लीटर से अधिक तेल का इस्तेमाल करने वाले, दूसरे 25 से 50 लीटर के बीच में, तीसरे 25 लीटर से कम तेल का इस्तेमाल करने वाले है.
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खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित जीसी कंडवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि एफएसएसएआई बायो डीजल बनाने की परिकल्पना के लिए आगे बढ़ेगा. एफएसएसएआई पेट्रोलियम विभाग के साथ काम कर रहा हैं. कारोबारियों को किस तरह तेल को इकट्ठा करना है, इसकी उन्हें जानकारी दे दी गई है. सम्बंधित विभाग इस तेल को लेकर प्लांट में जाएगा, जहां इसका डीजल बनाया जाएगा.