उत्तराखंड में करवाया जाएगा फ्री पैराग्लाइडिंग एडवांस SIV कोर्स देहरादून: उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को और अधिक सुरक्षित बनाने और पैराग्लाइडिंग करवाने वाले पायलट को सभी विषम परिस्थितियों के प्रति कुशल करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग निशुल्क SIV कोर्स चला रहा है. किसी भी राज्य में जब भी में एडवेंचर स्पोर्ट्स या फिर एडवेंचर टूरिज्म की बात की जाती है तो उसमें सबसे पहला मानक सुरक्षा का माना जाता है. इसी के चलते सुरक्षा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड में लगातार एडवेंचर टूरिज्म को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है.
क्या है SIV कोर्स: पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में काम कर रहे सभी पायलट्स के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग एडवांस कोर्स फ्री में उपलब्ध करवा रहा है. टूरिज्म के एडवेंचर विंग के हेड कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि उत्तराखंड में जो लोग भी पैराग्लाइडिंग करवा रहे हैं. वो चाहे टेंडम पैराग्लाइडिंग हो या फिर सोलो पैराग्लाइडिंग हो उन पायलट्स के लिए एडवांस कोर्स करवाया जा रहा है. इस कोर्स को SIV यानी सिमुलेशन डी-इंसीडेंट एन वॉल कहा जाता है, यह एक फ्रेंच वाक्य है. उन्होंने बताया कि यह कोर्स हर एक पायलट के लिए क्वालीफाई होना बेहद जरूरी है. यह एक एडवांस कोर्स है जो बेसिक ट्रेनिंग के बाद करवाया जाता है. उत्तराखंड पर्यटन विभाग राज्य के पैराग्लाइडिंग पायलट्स के लिये निशुल्क करवा रहा है.
क्या सिखाया जाता है इस कोर्स में: इस कोर्स में पायलट्स को विशेष तौर पर हर उन मुश्किल परिस्थितियों में डाला जाता है, जिसमें दुर्घटना होने की संभावनाएं होती हैं. इन सिचुएशन में स्पिन, विंग ओवर हो या फिर कोलेप्स हो जाना जैसी सभी विषम परिस्थितियों में ग्लाइडर को फ्लाई करवाया जाता है. ऐसी सिचुएशन से सकुशल निकलने की ट्रेनिंग दी जाती है. यह पूरी ट्रेनिंग पानी के ऊपर होती है, ताकि यदि कोई घटना हो तो पायलट चोटिल ना हो. इस तीन दिवसीय कोर्स में पैराग्लाइडिंग पायलट को और भी अधिक कुशल बनाया जाता है. उत्तराखंड में यह फ्लाइंग एडवांस कोर्स पहली बार टिहरी झील के ऊपर करवाया जा रहा है. इस कोर्स को करने के लिए प्रदेश भर से कई लोगों ने रुचि दिखाई है. वहीं पर्यटन विभाग इसे फ्री में करवाने जा रहा है. आने वाले समय में इसे पैराग्लाइडिंग के लिए अनिवार्य करने जा रहा है.
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सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य किया गया यह कोर्स: उत्तराखंड पर्यटन विभाग में साहसिक पर्यटन शाखा के प्रमुख एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि पैराग्लाइडिंग कराने के लिए यह कोर्स हर पायलट के लिए अनिवार्य है. इस कोर्स के सार्टिफिकेट के बाद ही पायलट को फ्लाई की अनुमति दी जाती है. उन्होंने कहा कि पूर्व में यह कोर्स अलग-अलग जगह पर किए जा रहे थे. उत्तराखंड में पहली दफा इसे पर्यटन विभाग निशुल्क करवा रहा है, ताकि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ ना हो और एक सुरक्षित साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि टिहरी झील में लगातार कोर्स को करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी पैराग्लाइडिंग पायलट अब तक 100 घंटे पूरा कर चुका है, उसके लिए इस कोर्स को करना बेहद अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि यह बेसिक नहीं बल्कि एक एडवांस कोर्स है जो कि पायलट को और अधिक कुशल बनाता है.