देहरादून: सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देकर करीब 1.5 करोड़ रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में देहरादून की पटेल नगर कोतवाली में पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर पर निजी कोचिंग इंस्टिट्यूट के संचालक पर मुकदमा दर्ज किया है.
आरोपी ने कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं दी: बताया जा रहा है कि आरोपी दशहरे की छुट्टियां के दौरान कोचिंग सेंटर से सामान लेकर फरार हो गया. आरोपी के खिलाफ कोचिंग सेंटर के कर्मचारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि आरोपी संचालक ने उनकी सैलरी भी नहीं दी है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
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पीड़ित यूपी के वाराणसी का रहने वाला: केके राय निवासी वीरपुर गाजीपुर जिला वाराणसी ने 28 अक्टूबर को पटेल नगर कोतवाली को तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका भतीजा मुकेश ने नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन वह चार नबंर से रह गया था. इसके बाद केके राय ने चार जुलाई को विनायक ने संपर्क किया.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नाम पर दिया धोखा:आरोप है कि विनायक ने केके राय को बताया कि वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के लिए काम करता है, उसका देहरादून के जीएमएस रोड पर कोचिंग इंस्टिट्यूट भी है. विनायक ने केके राय को भरोसा दिया कि जो छात्र नीट परीक्षा में कम नंबरों से फेल हो जाते है, वह उन्हें भारत सरकार के विशेष कोटे से देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाता है.
विश्वास दिलाने के लिए किया ये काम: साथ ही आरोपी ने पीड़ित को छात्रों के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दाखिले संबंधी वीडियो भी भेजें और विश्वास दिलाया. इसी तरह से केके राय आरोपी की बातों में आ गया और छात्रों के परिजनों ने जब फीस की बात की तो आरोपियों ने बताया कि सबसे पहले 50000 रुपए का बैक ड्राफ्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नाम बनेगा, जिसमें 8000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी और 42000 रुपए वापस हो जाएंगे.
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