देहरादून: उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ सैन्य भूमि भी कहा जाता है, लेकिन सैनिकों की इस भूमि पर आजकल सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी का अपराध खूब पनप रहा है. दरअसल पिछले 6 महीनों में तीन फर्जी आर्मी अफसर प्रदेश में गिरफ्तार हो चुके हैं, जो हजारों युवाओं को भर्ती कराने के एवज में लाखों रुपयों का चुना लगा चुके हैं.
उत्तराखंड के हर परिवार से एक न एक सैनिक देश की सेवा में अपना योगदान दे रहा है. इसके साथ ही यहां के युवा चाहत रखते हैं कि वो देश सेवा के लिए काम करें, लेकिन प्रदेश में ऐसा गिरोह अब सक्रिय है, जो युवाओं को सेना में भर्ती कराने का लालच दे रहा है और उनसे मोटी रकम वसूल रहा है.
सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी ये भी पढ़ें:देहरादून कैंट एरिया से फर्जी लेफ्टिनेंट गिरफ्तार, जाली दस्तावेजों से करता था ठगी, चार दिनों में दूसरी गिरफ्तारी
ये शातिर ठग अपने आप को सेना का अफसर बताते हैं. ऐसी ही कुछ फर्जी तस्वीरें बनाकर युवाओं को भरोसे में लेते हैं. 6 महीनों में तीन फर्जी सेना अधिकारियों की अरेस्टिंग एसटीएफ और पुलिस ने की है. जबकि अभी भी कई ऐसे शातिर प्रदेश में सक्रिय हैं. कुछ समय पहले देहरादून के प्रेम नगर क्षेत्र में दो ऐसे मामले आये थे. जहां सेना में भर्ती कराने के नाम पर इन ठगों ने युवाओं से पैसे भी लिए गए. साथ ही उनको फर्जी लेटर और ट्रेनिंग भी कराई थी.
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युवाओं को जब खबर हुई की सब कुछ फर्जी है, तब उन्होंने इसकी शिकायत की. जिसके बाद आरोपियों की अरेस्टिंग हो सकी. वहीं, एक ताजा मामला 9 अक्टूबर को भी सामने आया जहां एक फर्जी लेफ्टिनेंट बनकर युवाओं को अपने झांसे में ले रहा था. पूरे मामले पर एसटीएफ द्वारा जानकारी ली जा रही है. वहीं, आरोपी की अरेस्टिंग हो गई है.
रिटायर्ड कैप्टन टीएस नेगी का कहना है कि कोई भी युवा ऐसे किसी के बहकावे में न आएं, बल्कि मेहनत पर ध्यान दें. क्योंकि मेहनत के बलबूते ही आर्मी में युवा भर्ती हो सकते हैं. साथ ही कहा की जो युवा आर्मी में भर्ती होते है, उनको परिश्रम करना पड़ता है. रुपए देकर आर्मी में किसी को भर्ती नहीं किया जाता है.