देहरादून:वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते ना सिर्फ देश की आर्थिकी पर एक बड़ा असर पड़ा है, बल्कि देशभर में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी थी. हालांकि, लॉकडाउन समाप्त होने और स्थितियां सामान्य होने के बाद से ही लोग नौकरी की तलाश में जुट गए. वर्तमान हालात यह है कि तमाम लोग नौकरी पेशे से तो जुड़ गए, लेकिन अभी भी अधिकांश लोग नौकरी की तलाश कर रहे है. नौकरी के लिए ऑनलाइन से लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा गैंग भी सक्रिय हो गया है, जो लोगो को नौकरी दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहा है.
लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढ़ी तो लोगों को व्यापार के साथ ही नौकरी करने वाले लोगों को भी राहत मिलने लगी है. लेकिन भारी आर्थिक नुकसान होने के चलते लॉकडाउन के दौरान कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी मिलने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. तो वही, लोगों की जमा पूंजी पर घात लगाए बैठे शातिर ठग, लोगों को बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही शातिर ठग लोगों के परेशानियों का फायदा उठाकर लोगों को और कंगाल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल
साइबर ठगों ने लोगों को नौकरी दिए जाने को लेकर ना सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर जाल फैला रखा है, बल्कि तमाम तरह के विज्ञापन भी जारी कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मुख्य रूप से ये साइबर ठग, वर्तमान समय में मौजूद तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेरोजगारों को नौकरी का लालच दे रहे हैं. यही नहीं, साइबर ठग इतने शातिर हैं कि वह तमाम बड़ी कंपनियों के फर्जी लेटर हेड भी लोगों को भेज कर उन्हें नौकरी का भरोसा दिलाते हैं और फिर नौकरी लगने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लेते हैं.
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किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार
जो लोग बेरोजगार हैं वह न सिर्फ दफ्तरों के चक्कर काट कर अपनी रिज्यूम ऑफिसों में दे रहे हैं, बल्कि कहीं भी नौकरी की विज्ञप्ति आने के बाद उनके जहन में एक आस जग जाती है कि उन्हें नौकरी मिल जाएगी, जिसके बाद वह ऑनलाइन ही या तो फॉर्म भर देते हैं या फिर सीधा विज्ञापन में दिए गए कांटेक्ट नंबर पर संपर्क करते हैं, जिसके बाद से ही ठगी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. साइबर ठग इस पूरी ठगी को प्रॉपर तरीके से अंजाम देते हैं. पहले आवेदक को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, इंटरव्यू भी लिया जाता है और फिर उन्हें फर्जी लेटर देकर कुछ दिनों बाद ज्वाइन करने की बात कही जाती है लेकिन फिर अचानक से साइबर ठग, कुछ समस्याएं बताकर, उन्हें फोन कर नौकरी करने के लिए पैसे की मांग करते हैं.