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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नाम पर लूट! नाम किसी का, हस्ताक्षर किसी और ने कर दिए, डीएम ने शासन को भेजी रिपोर्ट

Fraud in the name of Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नाम पर किस तरह से सरकारी रुपए की बंदरबांट की जा रही है, इसका खुलासा देहरादून डीएम सोनिका की जांच रिपोर्ट में किया गया. जिसकी रिपोर्ट देहरादून डीएम सोनिका ने शासन को भेज दी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 29, 2023, 1:04 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नाम पर बड़ा खेल खेला जा रहा है. इसी तरह का मामला जनसुनवाई के दौरान देहरादून जिलाधिकारी सोनिका के सामने आया था, जिसके बाद देहरादून जिलाधिकारी सोनिका ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. जांच रिपोर्ट में धोखाधड़ी और अनियमितता की पुष्टि हुई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने विभागीय कार्रवाई के खिलाफ शासन को पत्र लिखा है.

दरअसल, देहरादून जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर 2023 को आयोजित जनसुनवाई में विकासखंड रायपुर के ग्राम सिल्ला और रामनगर डांडा के किसानों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों द्वारा कार्यरत कृषि और भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी किये जाने की शिकायत करते हुए कार्रवाई किये जाने की मांग की गई थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को समिति गठित कर जांच करने के आदेश दिए थे.
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मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि भूमि संरक्षण अधिकार सहसपुर और अवर सहायक अभियन्ता कृषि की समिति ने शिकायतों की जांच की. समिति ने जब गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर बिल और अनुदान फार्म समेत अन्य दस्तावेजों की जांच की तो कई गड़बड़ी सामने आई.

गांव के स्थलीय निरीक्षण के बाद जांच समिति ने पाया गया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ग्राम सिल्ला में सिंचाई पाइप स्प्रिंकलर से अथवा अन्य कोई भी सिंचाई साधन नहीं लगाया गया है. इसके अलावा अन्य किसानों ने भी स्प्रिंकलर सेट न मिलने की शिकायत की. एक महिला ने शिकायत की कि उसके मृत पति के नाम पर बिना उनकी जानकारी के स्प्रिंकलर सेट अनुदान निकाल दिया गया. जांच टीम ने पाया कि जब जांच के लिए टीम जा रही थी, तब ग्राम सिल्ला में 02 वाहनों में स्प्रिंकलर पाइप गांव में पंहुचाए जा रहे थे. इसी प्रकार गांव रामनगर डांडा में किसानों की भूमि पर स्प्रिंकलर सेट लगा होना नहीं पाया गया, जबकि कार्य का भुगतान सम्बन्धित फर्म को पहले ही कर दिया गया.
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साथ ही जांच में पाया गया कि एक महिला के आवेदन और उस पर हस्ताक्षर दूसरी महिला के नाम से किए गए. वहीं अंग्रेजी में हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर हिन्दी में पाये गये. साथ ही समिति ने जांच में पाया कि अनुदान के लिए प्रार्थना पत्र और आवेदन के साथ लगे शपथ पत्र पर सभी किसानों के जो हस्ताक्षर किये गए हैं, वह अलग-अलग हैं.

मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि समिति की जांच के बाद सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण उत्तराखंड शासन को कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर (वर्तमान में सबद्ध कृषि निदेशालय) राजदेव पंवार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है.

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