ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन 90 से अधिक देशों के 1500 से अधिक प्रतिभागी योग, ध्यान, प्राणायाम, आयुर्वेद, संगीत, भारतीय दर्शन व जीवन विधाओं को आत्मसात कर रहे हैं. सायंकाल परमार्थ निकेतन गंगा तट होने वाली दिव्य गंगा आरती सभी के लिये एक दिव्य आकर्षण का केंद्र है. यहां पर योग जिज्ञासु योग की प्राचीन विधाओं के साथ भारतीय दर्शन और जीवन पद्धति, भारतीय भोजन और चितंन को भी आत्मसात कर रहे हैं.
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, आयुष मंत्रालय और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भारत सरकार सर्बानंद सोनोवाल ने आज यज्ञ के बाद स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद लेकर परमार्थ निकेतन से विदाई ली. आज सुबह 4:30 बजे कैलिफोर्निया से आये कुंडलिनी योग विशेषज्ञ गुरुशब्द सिंह खालसा द्वारा कुंडलिनी साधना और नाद योग से आज के दिन की शुरुआत की. अष्टांग योग के गुरु संदीप देसाई और रेडियंट बॉडी योगा के संस्थापक ताई ची, प्रसिद्ध योगाचार्य किआ मिलर द्वारा फुल माइंड, बॉडी, एनर्जी एक्टिवेशन, परमार्थ निकेतन की वरिष्ठ योगाचार्य गंगा नंदिनी द्वारा शरीर के प्रति जागरूकता सत्र, जापान योग शिक्षक गुमी और अरिंदम ने सूर्योदय नाद योग का अभ्यास कराया.
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चेन्नई योग स्टूडियो के संस्थापक रोहिणी मनोहर ने वर्तमान क्षण में सहजता से जीने, प्रसिद्ध योगाचार्य एरिका कॉफमैन पेन्सिलवेनिया, यूएसए ने आनंद और सहजता की विस्तृत अनुभूति के लिए अवेकनिंग लव टू शेयर एंड फील नामक लीला योग विन्यास का अभ्यास कराया. स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट ने प्रतिभागियों को सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम की शक्ति के साथ सचेत जीवन जीने के लिए योग साधना, बीकेएस अयंगर की शिक्षाओं और पतंजलि के शास्त्रीय योग और मैसूर के टी कृष्णमचार्य की विन्यसा प्रणाली के दर्शन के आधार पर ‘योग वृक्ष’ - द ट्रंक ऑफ नियामा का आयोजन किया.