देहरादूनःउत्तराखंड में कोरोना के चलते तमाम कामों पर बार-बार ब्रेक लग रहे हैं. राजधानी देहरादून समेत तमाम शहरों में कोरोना संक्रमण के चलते सरकारी कार्यालयों को बंद करना पड़ रहा है. जिसके चलते जनता से जुड़े विभिन्न काम भी बाधित हो रहे हैं. वैसे आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले 4 मैदानी जिलों में ही दिखाई दे रहे हैं.
कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार की अनलॉक की गाइडलाइन आपदा के इस दौर में सब ठीक होने का संदेश देती है, तो नए मामलों के चलते सारी व्यवस्थाएं पटरी से उतरती हुई भी दिखाई देती हैं. राजधानी देहरादून में नगर निगम, कलेक्ट्रेट, विकास भवन, आईटीओ ऑफिस, तहसील और कचहरी जैसी जगहों पर कार्यालय पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहे हैं. नगर निगम को तीन बार बंद किया जा चुका है. जिसके चलते हाउस टैक्स, जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कामों में लोगों को दिक्कतें आई हैं.
तहसील में भी लोग पहले की तरह अपनी शिकायतें नहीं पहुंचा पा रहे हैं और लोगों की समस्याओं का समाधान भी काफी थम गया है. कलेक्ट्रेट जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर भी आम लोगों की एंट्री बैन की गई है. इसी तरह विकास भवन और आरटीओ ऑफिस में भी लोग अपने कामों के लिए पहुंच तो रहे हैं, लेकिन यहां बेहद कम संख्या में ही लोगों के काम हो पा रहे हैं. यह हाल केवल राजधानी देहरादून का नहीं है, बल्कि दूसरे जिलों में भी कलेक्ट्रेट परिसर कोषागार और दूसरे कार्यालय भी कोरोना से प्रभावित हुए हैं और जिसका सीधा असर आम लोगों के कामों पर पड़ रहा है.
पढ़ेंः पहली बार एक ही दिन में पारित होंगे 19 विधेयक और 10 अध्यादेश
बता दें कि को कोरोना का सबसे ज्यादा असर मैदानी जिलों पर ही पड़ा है. राज्य के चार मैदानी जिलों में ही 90% से ज्यादा प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में कुल 42651 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं, जिसमें से 32000 से ज्यादा मरीज देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर के हैं. वहीं, प्रदेश में 512 मरीजों की मौत हुई है, जिसमें 49 प्रतिशत मरीजों की मौत अकेले देहरादून में ही हुई है. जबकि चार मैदानी जिलों में 94% मरीजों की मौत हुई है.