देहरादूनः रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब उत्तराखंड के छात्रों की स्वदेश वापसी होने लगी हैं. रविवार को उत्तराखंड की चार छात्राएं दोपहर बाद दिल्ली से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची. एयरपोर्ट पर पहले से ही मौजूद अपने परिजनों को देकर छात्राओं ने गले लगा लिया. इस दौरान छात्राओं के साथ ही परिजनों के आंखों में भी खुशी के आंसू थे. छात्राओं के परिजनों ने भारत सरकार का धन्यवाद अदा करते हुए यूक्रेन में फंसे अन्य बच्चों की भी सकुशल भारत वापसी की कामना की.
रविवार को उत्तराखंड की चार छात्राएं टिहरी निवासी अदिति कंडारी, श्रीनगर निवासी आकांक्षा सहित ऋषिकेश निवासी निशा ग्रेवाल और आयुषी रॉय नई दिल्ली से फ्लाइट से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची. ये चारों छात्राएं अलग-अलग रूट से नई दिल्ली पहुंची. यह चारों छात्राएं विकोवियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी चेरनेविस्टि की छात्राएं हैं.
यूक्रेन से उत्तराखंड पहुंची छात्राएं. ये भी पढ़ेंः यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र बोले- 'चारों ओर बस धुआं ही धुंआ, रुक-रुककर हो रहे हैं बम धमाके'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में छात्रा आकांक्षा ने बताया कि उन्हें तो ज्यादा दिक्कतें नहीं हुईं. लेकिन जब यूक्रेन पर हमला हुआ था, उस समय पूरा यूक्रेन सो रहा था. जैसे ही हमले की सूचना मिली, तो आंखों में आंसू आ गए. उनका शहर रोमानिया से नजदीक होने पर वह जल्दी पहुंच गईं.
वहीं टिहरी निवासी अदिति कंडारी ने बताया कि वह जब रोमानिया बॉर्डर के लिए निकलीं तो गाड़ियों की लंबी लाइन के चलते उन्हें करीब 9 से 10 किमी पैदल करीब 30 से 40 किलो का लगेज लेकर चलना पड़ा. वहीं, निशा ग्रेवाल ने कहा कि हालांकि उन्हें अधिक परेशानी नहीं हुई. लेकिन लगातार बिगड़ रहे हालात की खबरें दिल दहला रही थीं. वहीं, छात्राओं ने भारत सरकार का धन्यवाद किया.