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तो इसलिए नीतीश कुमार से मिले थे हरीश रावत, अब BJP के इस बड़े नेता से करेंगे मुलाकात

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत हमेशा राजनीति में एक्टिव रहते हैं. इन दिनों हरीश रावत और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात, जहां चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, हरदा ने बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात करने की बात कर सियासी हलचल तेज कर दी है.

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Published : Dec 13, 2022, 9:47 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) जल्द बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात करने जा रहे हैं. यह बात उन्होंने ईटीवी भारत के साथ खास मुलाकात में कही. इस बातचीत में हरीश रावत ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कई बड़े खुलासे भी किए. इसके साथ ही नीतीश कुमार से मुलाकात (Meeting with Nitish Kumar) पर क्या बातें हुईं वो भी बताईं.

बीजेपी के इस बड़े नेता से होगी हरीश रावत की मुलाकात.

तो इसलिए नीतीश से मिले हरीश रावत: हरीश रावत ने कहा मौजूदा समय में नीतीश कुमार से हुई मुलाकात एक राजनीतिक मुलाकात थी और कांग्रेस पार्टी के नेता होने के नाते उन्होंने यह मुलाकात की थी. राजनीति में मुलाकातें हमेशा जारी रहेंगी. हरीश रावत ने कहा कि नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अब एक-दो दिन में वो बीजेपी के एक बड़े नेता से भी मुलाकात करने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि राजनीति में सभी नेताओं से मुलाकात होती रहनी चाहिए.

हरदा ने की नीतीश की तारीफ:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) की तारीफ करते हुए हरीश ने कहा नीतीश एक अनुभवी और अच्छे नेता हैं. उनका भविष्य उज्जवल है. उनसे हुई मुलाकात में राजनीति को लेकर ही चर्चा हुई है. हरीश रावत ने कहा कि इस वक्त कई राजनीतिक दल ऐसे हैं, जो कहते हैं उन्हें भाजपा से लड़ना है, लेकिन उनकी लड़ाई अभी भी कांग्रेस से है. नीतीश कुमार से हुई मुलाकात में उन्होंने यही पक्ष रखा कि इन राजनीतिक दलों को बैठकर ये समझाना होगा कि अगर इनकी लड़ाई भाजपा से है तो साफ करें और अगर कांग्रेस से है तो फिर कांग्रेसी भी उसी तरह से लड़ाई लड़ेगी.

बीजेपी नेता से करने जा रहे हैं मुलाकात: रही बात बीजेपी नेता से मुलाकात की तो, हरदा का कहना है कि, भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में लोकतंत्र की जो हत्या हो रही है उसको बचाने के लिए ही वो बीजेपी नेता से बातचीत करने जा रहे हैं. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में भी कई नेता ऐसे हैं, जो सत्तारूढ़ दल की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखते. इसी को लेकर वह बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेंगे.

मुस्लिम यूनिवर्सिटी मुद्दे पर छलका दर्द: हरीश रावत ने खास बातचीत में अपने उस दर्द को भी साझा किया, जिस दर्द की टीस आज भी उनके मन में है. रावत ने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा (issue of muslim university) उठाया, उससे भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है. हरीश रावत ने कहा कि, वो चाहते हैं बीजेपी मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सच को जनता तक पहुंचाए और बताए कि उन्होंने झूठ बोला है. उत्तराखंड में भी भाजपा ने झूठ के आधार पर सत्ता का अपहरण किया है और अधिकतर स्थानों पर भाजपा इसी तरह से सत्ता हासिल कर रही है.
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पीएम से लेकर सीएम सबने बोला झूठ: हरीश रावत ने कहा कि अगर मुस्लिम यूनिवर्सिटी का यह मुद्दा बीजेपी ना उठाती और झूठ ना बोलती तो कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बना रही थी और जीत रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और तमाम केंद्रीय मंत्रियों के साथ राज्य के नेताओं ने जिस तरह से झूठ का सहारा लेकर हरीश रावत और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की. उसका नतीजा ये हुआ कि गांव-गांव तक गलत संदेश गया और इस झूठ की वजह से कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकी.

धामी बोल रहे हैं झूठ: दो दिन पहले सीएम धामी ने यह बयान दिया था कि उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाला (uttarakhand assembly recruitment scam) उनके कार्यकाल का नहीं, बल्कि 2015 और 2016 का है. इस बयान पर भी हरीश रावत ने धामी सरकार पर हमला बोला है. हरीश रावत ने कहा कि पहले मुस्लिम यूनिवर्सिटी और अब घोटाले पर धामी लगातार झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरी तरह से झूठ के सहारे और झूठे नेताओं की ही पार्टी है. बीजेपी की वंशावली ही घोटालेबाजों की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार झूठे बयान बाज की तरह बयान बाजी कर रहे हैं.

हरदा की चाह, धामी रहें पूरे 5 साल: हरीश रावत ने उत्तराखंड में लगातार मुख्यमंत्री बदले जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि पुष्कर सिंह धामी पूरे 5 साल सीएम बने रहें. हालांकि वो यह भी चाहते थे कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अगर सत्ता में आए थे तो वो भी पूरे 5 साल सरकार चलाएं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी युवा हैं, हैंडसम और ऊर्जावान भी हैं. ऐसे में उनको 5 साल सरकार चलानी चाहिए. राज्य में मुख्यमंत्री बदलने से राज्य के विकास नहीं होते और अगर धामी पूरे 5 साल सरकार चलाते हैं तो, कांग्रेस नई ऊर्जा के साथ नई एनर्जी के साथ सत्ता में वापसी करेगी. क्योंकि मौजूदा समय में राज्य में विकास का पहिया पूरी तरह से रुका हुआ है.

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