उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

डीजीएफटी के पूर्व सेक्शन इंचार्ज को पांच साल की जेल, दो लाख का जुर्माना भी लगा

डीजीएफटी के पूर्व सेक्शन इंचार्ज (DGFT former section incharge) को पांच साल की सजा (Former section in charge sentenced to five years) सुनाई गई है. साथ ही कोर्ट ने पूर्व सेक्शन इंचार्ज पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है. पूर्व सेक्शन इंचार्ज ने लाइसेंस जारी करने की एवज में रिश्वत मांगी थी.

Etv Bharat
DGFT के घूसखोर पूर्व सेक्शन इंचार्ज को पांच साल की सजा

By

Published : Dec 12, 2022, 10:22 PM IST

देहरादून:विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कार्यालय के घूसखोर पूर्व सेक्शन इंचार्ज (bribery former section incharge) को स्पेशल सीबीआई जज बृजेंद्र सिंह की कोर्ट ने पांच साल कठोर कैद की सजा सुनाई है. दोषी ने छह साल पहले एक मशरूम व्यापारी से निर्यात में छूट से जुड़ा लाइसेंस जारी करने की एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. दोषी पर अदालत ने दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी नवीन पटवाल ने तीन नवंबर 2016 को शिकायत की थी. पटवाल वेलकिन फूड्स कंपनी रुड़की के पार्टनर थे. उन्हें मशरूम के निर्यात के लिए मिलने वाली छूट से जुड़ा निर्यात संवर्द्धन पूंजीगत वस्तु योजना लाइसेंस चाहिए था. इसके लिए नवीन ने 21 अक्टूबर 2016 को ऑनलाइन आवेदन किया था. 25 अक्टूबर 2016 को मेल आया कि उनके पास इंपोर्ट और एक्सपोर्ट कोड नहीं है, इसलिए लाइसेंस जारी नहीं हो सकता.

पढे़ं-छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपी पंतनगर विवि के डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज, धरने पर बैठे स्टूडेंट

नवीन ने संपर्क किया तो डीजीएफटी कार्यालय भेजा गया. यहां नवीन की सेक्शन इंचार्ज सुरेंद्र कुमार गुप्ता निवासी रानीबाग दिल्ली से मुलाकात हुई. आरोप है कि सुरेंद्र ने लाइसेंस जारी करने के लिए इशारा करते हुए रुपये देने को कहा. पीड़ित समझा नहीं तो बताया कि 20 हजार रुपये देने होंगे. उसके बाद नवीन ने इसकी शिकायत सीबीआई में कर दी. सीबीआई ने चार नवंबर 2016 को विभाग के पटेलनगर स्थित कार्यालय में 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सुरेंद्र कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.

पढे़ं-चंपावत में रिश्ता शर्मसार! 65 वर्षीय बुजुर्ग ने नाबालिग दिव्यांग भतीजी से किया रेप

सीबीआई अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा ने बताया मुकदमे में विवेचना के बाद नियत समय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई. सीबीआई ने इस मुकदमे में कुल 15 गवाह पेश किए. बचाव पक्ष केवल एक ही गवाह प्रस्तुत किया. न्यायालय ने अभियोजन के गवाहों के आधार पर गुप्ता को दोषी पाते हुए सजा सुनाई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details