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Published : Jan 21, 2021, 4:12 PM IST

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हरदा के सीएम चेहरे वाले बयान पर किशोर उपाध्याय की टिप्पणी, कहा- अभी कांग्रेस को आत्मचिंतन और आत्ममंथन

हरीश रावत पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस हाई कमान से मांग कर रहे है कि वो 2022 के लिए सीएम का चेहरा घोषित करें. इससे पार्टी का चुनाव में काफी लाभ मिलेगा. हालांकि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से लेकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव तक उनकी इस मांग को ठुकारा चुके है. वहीं, अब इस मामले पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की भी प्रतिक्रिया आई है.

Kishore Upadhyay
किशोर उपाध्याय.

देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अभी भी 2022 के चुनाव के लिए सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पहले ही कह चुके हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस पहले ही सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेगी और चुनाव के बाद ही पार्टी सीएम का चेहरा घोषित करेगी. वहीं, हरीश रावत की मांग पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में कांग्रेस को आत्म चिंतन और आत्ममंथन की जरूरत है.

हरदा के सीएम चेहरे वाले बयान पर किशोर उपाध्याय की टिप्पणी.

उपाध्याय ने कहा कि वे राज्य आंदोलन के छोटे से सिपाही रहे है. सरकार आती है चली जाती है, इसीलिए उन्होंने अपना पूरा ध्यान वनाधिकारों पर केंद्रित कर रखा है. कांग्रेस में क्या चल रहा है उसका सही जवाब हरीश रावत, कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य और अन्य बड़े नेता दे सकते हैं.

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जब उपाध्याय से हरीश रावत की मांग को लेकर सवाल किया गया कि इस मामले वे हरदा का समर्थन करते हैं या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि वे कुछ बोलकर नया विवाद नहीं खड़ा करना चाहते हैं. क्योंकि पहले भी नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेता भी वही थे जो अब हैं. वे 2017 के बाद कभी शामिल ही नहीं हुए. इसीलिए इसका बेतहर जवाब वही दे सकते हैं. हालांकि अभी कांग्रेस को आत्मचिंतन और आत्ममंथन की जरूरत ज्यादा है.

उपाध्याय के मुताबिक, विवादों को बढ़ाने के लिए बचाए घटाना चाहिए. उपाध्याय के कहा कि उन्होंने उसके लिए कोशिश भी की थी. जब प्रदेश मुख्यालय में बैठक हुई थी तो उन्होंने सबको साथ बैठाने की कोशिश की. इसके बाद सब इकट्ठे भी हो गए थे, लेकिन बाद में उनका ये प्रयास विफल हो गया. अब इस मामले में उनका ज्यादा कहना विवाद पैदा करने जैसा होगा.

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