उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

पूर्व IAS ने सीएम से पूछा सवाल, कौन अधिकारी बन रहा जनप्रतिनिधि? - Former IAS asked government to name

पूर्व आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह पांगती ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर कौन हैं वो अधिकारी जो जनप्रतिनिधि बनने की कोशिश कर रहे हैं.

Former IAS asked CM the question
पूर्व IAS ने सीएम से पूछा सवाल.

By

Published : Jul 7, 2020, 7:09 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 2:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में आदेश जारी करते हुए सभी अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान और अपने कर्तव्यों के पालन करने का आदेश दिया है. सीएम के बयान पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह पांगती ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर कोई कैसे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा सकता है?

जनप्रतिनिधि के सम्मान पर वार-पलटवार.

अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा के सवाल पर सुरेंद्र सिंह पांगती ने सरकार से पूछा है कि आखिर कौन हैं वो अधिकारी जो जनप्रतिनिधि बनने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि संविधान में कार्यपालिका और विधायिका के लिए स्पष्ट अधिकार दिए गए हैं. बेशक विधायिका कार्यपालिका से ऊपर हैं. लेकिन कार्यपालिका के तहत आने वाले अधिकारियों का कर्तव्य है कि वह विधायिका द्वारा बनाई गई नीति नियमावली और कानूनों का पालन करवाएं. इसके इतर अगर कोई भी जनप्रतिनिधि किसी तरह का कोई आदेश किसी अधिकारी को देता है तो वो अधिकारी इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है.

ये भी पढ़ें:उत्तराखंड, आपदा और तैयारियां, क्या बैठकों से जीती जाएगी 'जंग'?

सुरेंद्र सिंह पांगती ने कहा कि निश्चित तौर से अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना चाहिए. जब भी किसी अधिकारी से कोई जनप्रतिनिधि मिलने पहुंचे तो उन्हें खड़े होकर उनका स्वागत करना चाहिए और नीति संगत उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए. लेकिन अगर कोई जनप्रतिनिधि चाहता है कि अधिकारी निर्धारित नीति और नियमावली से हटकर कोई काम करें तो इसके लिए अधिकारी बाध्य नहीं है.

सुरेंद्र सिंह पांगती ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर वो कौन सा अधिकारी है. जो कि अपने अधिकारों से बढ़कर एक जनप्रतिनिधि बनने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि संविधान में सबके लिए नियम है. अगर कोई अधिकारी विधायिका द्वारा तय की गई नीति और नियमावली का पालन नहीं करता है तो नियम के तहत उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन सिर्फ यह कह देना कि अधिकारी जनप्रतिनिधि बनने की कोशिश ना करें यह सरासर गलत है. इस तरह की बयानबाजी से अधिकारियों का मनोबल कमजोर होता है.

Last Updated : Jul 8, 2020, 2:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details