देहरादूनःहरिद्वार कुंभ मेला-2021 के दौरान कथित कोविड-19 परीक्षण घोटाले पर त्रिवेंद्र ने कहा कि यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं. त्रिवेंद्र ने कहा कि मामले पर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कुंभ लोगों के आस्था से जुड़ा हुआ विषय है. इस तरह के आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में की गई लापरवाही कहीं न कहीं सरकारी अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करती है. त्रिवेंद्र ने कहा कि महाकुंभ 2021 पर पूरी दुनिया की नजर थी, क्योंकि यह कोविड-19 महामारी के दौरान पूरे विश्व का सबसे बड़ा आयोजन था. इस आयोजन में इतनी बड़ी लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त जनक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
ये है मामला
हरिद्वार महाकुंभ-2021 में किए गए कोविड टेस्ट में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. कुंभ के दौरान सरकार द्वारा 20 निजी टेस्ट लैब के साथ एंटीजन टेस्ट के लिए अनुबंध किया गया था. इनमें से एक निजी टेस्ट लैब मैक्स कॉरपोरेट सोसाइटी दिल्ली द्वारा जारी किए गए कोविड एंटीजन रिपोर्ट्स में बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिला है. प्राथमिक जांच में पाया गया कि एक ही मोबाइल नंबर और आधार पर कई फर्जी रिपोर्ट जारी किए गए हैं. जो पूरी तरह से लोगों की जिंदगियों से साथ खिलवाड़ है.
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ऐसे हुआ खुलासा
हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक LIC एजेंट के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपिन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए.
विपिन ने कोई कोरोना जांच नहीं कराई थी. ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने छापी खबर