देहरादूनःउत्तराखंड में बीजेपी सरकार यूकेएसएसएससी पेपर लीक, विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला के अलावा वन दरोगा समेत अन्य मामलों की वजह से विपक्ष के निशाने पर है. सबसे ज्यादा सुर्खियों में विधानसभा में बैक डोर भर्ती घोटाला है. प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष रहने के दौरान कई भर्तियां हुईं. लेकिन जो भर्तियां हुई, उसमें भी भाई-भतीजावाद देखा गया. हालांकि, सीएम धामी ने अब विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आग्रह किया है. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी इस पूरे मामले पर जांच बैठा दी है.
जब उत्तराखंड में भर्ती घोटाला उजागर हुआ तो बीजेपी के तमाम बड़े नेता और प्रवक्ता इस मामले से बचते रहे. यूं कहें कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार अपने बयानों से सरकार को असहज करने का काम करते रहे. ऐसे में साफ होता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत वही बोल रहे हैं, जो हकीकत है. सूबे में एक के बाद एक घोटालों ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है, लेकिन त्रिवेंद्र रावत के अलावा कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा है.
हाकम सिंह रावत से लेकर विधानसभा भर्ती मामले में जिस तरह से त्रिवेंद्र सिंह रावत का रुख देखने को मिल रहा है. उससे कहीं न कहीं यह बात स्पष्ट हो रही है कि बीजेपी के तमाम नेता भले ही इस मामले पर ज्यादा कुछ न बोलें, लेकिन पुष्कर धामी से पहले सीएम रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत कुछ न कुछ तो ऐसा बोल रहे हैं, जो हकीकत है. हालांकि, यह पहला मामला नहीं है, जब त्रिवेंद्र सिंह रावत किसी मुद्दे पर खुलकर बोले हों, इससे पहले भी उनके कुछ काम भले ही विवादों में रहे हो, लेकिन वो उस पर अंत कायम रहे.
सरकार व संगठन से अलग और काफी हद तक सच बोल रहे त्रिवेंद्रःत्रिवेंद्र सिंह रावत भले ही मौजूदा समय में सरकार में कुछ न हो, लेकिन UKSSSC पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) से लेकर विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) में वो खुल कर बात कर रहे हैं. ये सिलसिला तब शुरू हुआ जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) का खुलासा हुआ और हाकम की गिरफ्तारी हुई. हाकम सिंह चूंकि बीजेपी का कार्यकर्ता था तो विपक्ष ने इस पेपर लीक मामले में बीजेपी के बड़े नेताओं से जोड़ दिया.
इसी बीच हाकम सिंह रावत की फोटो वायरल होने लगी और इस लिस्ट में त्रिवेंद्र सिंह रावत भी थे. तमाम प्रवक्ता भी हाकम के नाम से बच रहे थे, लेकिन तभी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बयान देकर प्रवक्ता समेत सरकार को धीरे से झटका दिया. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इसमें कोई छुपाने वाली बात नहीं है. हाकम हमारा कार्यकर्ता है और जरूरी नहीं कि हर कार्यकर्ता सही हो. कुछ ऐसे भी निकल जाते हैं, इसलिए हमे ये बात बोलने से गुरेज नहीं करना चाहिए.
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उन्होंने ये भी कहा था कि मुझे भी ये स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है. त्रिवेंद्र रावत के ये बयान 'UKSSSC पेपर लीक केस में त्रिवेंद्र ने कहा, हाकम सिंह बीजेपी नेता, लेकिन इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं' अगले दिन अखबार की सुर्खियों में रहे और पार्टी को भी इस पर बयान देना पड़ा. इतना ही नहीं इस बात से त्रिवेंद्र भी बेरोजगार युवाओ के निशाने पर आए कई लोगों ने उन्हें भी सोशल मीडिया पर खूब बुरा भला कहा.