देहरादून: आज उत्तराखंड सरकार के 4 साल पूरे हो गए हैं. चौथे साल में उत्तराखंड को नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत मिले. इन चार 4 सालों के भीतर राज्य सरकार ने तमाम बड़े ऐतिहासिक निर्णय भी लिए, जिसने जनता के दिल को भी जीता. त्रिवेंद्र सरकार के चार साल पूरे होने से 9 दिन पहले हुए सियासी उटापटक के बीच राज्य में नेतृत्व परिवर्तन किया गया.
जिसके बाद राज्य की कमान तीरथ सिंह रावत के हाथ में आ गई. कुल मिलाकर देखें तो चार साल का कार्यकाल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए खास रहा. चार साल पूरे होने के मौके पर ईटीवी भारत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की है.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इन 4 सालों के भीतर उन्होंने तमाम ऐसी बड़ी योजनाएं शुरू की. जिससे जनता को सीधे तौर पर लाभ मिला है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तमाम ऐसे कार्य बचे हुए हैं, जिनको वह पूरा करना चाहते थे. लेकिन उससे पहले ही इस्तीफा देना पड़ा. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि बचे एक साल के भीतर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में उन कामों को पूरा किया जाएगा.
सवाल: इन 4 सालों के कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसे कार्य, जिससे आपके मन को संतुष्टि मिलती हो?
जवाब: सबसे बड़ी खुशी उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त विकास और एक ईमानदार सरकार देने पर मिली, जिसकी राज्य में बहुत अधिक आवश्यकता है. खासकर जब हम उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जानते हैं. ऐसे में स्वभाविक है कि अगर हम उत्तराखंड को देव भूमि के रूप में मानते हैं तो इसकी छवि को उसी तरह से ही बरकरार रखने की जिम्मेदारी है. हमारे पुरखों ने त्याग बलिदान कर जो राज्य में कल्चर, ईमानदारी, सच्चाई और सरलता की नींव रखी है. उसी की वजह से उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं. लिहाजा सरकारों की कोशिश होनी चाहिए कि राज्य का यह स्वरूप बना रहे. जिसमें सरकार को भी अपना योगदान देना चाहिए.
प्रदेशवासियों को दिया गया स्वास्थ्य कार्ड
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इन 4 सालों के भीतर सबसे अच्छे जो काम किए गए हैं, उनमें लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया गया है और 5 लाख रुपये प्रति परिवार सालाना मुफ्त में इलाज करने की व्यवस्था की गई. उत्तराखंड देश का पहला एकमात्र राज्य है, जिसने सभी लोगों को यह सुविधा प्रदान की है और अभी तक इस योजना का लाभ ढाई लाख से ज्यादा लोग उठा चुके हैं.
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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आज भी सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराना होता है. क्योंकि उन इलाकों में प्राइवेट अस्पताल न के बराबर हैं. ऐसे में इस बात की संतुष्टि रहती है कि इस योजना का लाभ उन्हें मिल पा रहा है. इसके साथ ही इन 4 सालों के भीतर पर्वतीय क्षेत्रों में भी डॉक्टरों की संख्या को भी दोगुना किया गया है. वर्तमान समय में करीब 750 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया भी जारी है. साल 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी तो उस दौरान 10-15 आईसीयू ही थे. लेकिन वर्तमान समय में करीब 800 आईसीयू प्रदेश भर में मौजूद हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा काम किया गया है, जिसकी वजह से संतुष्टि और संतोष भी है.
शिक्षा के क्षेत्र में हुए बेहतर कार्य
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी इन 4 सालों के भीतर बेहतर कार्य किए गए हैं. प्रदेश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू की गई. इसके साथ ही 500 विद्यालय में वर्चुअल क्लास भी शुरू हुए. इसके अतिरिक्त 600 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास बनाए जाने का कार्य जारी है. उच्च शिक्षा में उत्तराखंड के कॉलेजों में करीब 100% फैकल्टी मौजूद है.
यही नहीं, कॉलेज तो पहले खोले जा चुके थे. लेकिन भवन और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं थे. इन 4 सालों के भीतर प्रदेश से करीब 90 प्रतिशत कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं. लिहाजा अभी 1 साल का वक्त बचा है और इस 1 साल के भीतर भी बचे हुए कॉलेजों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो जाएगी. प्रदेश में 25 आईटीआई मौजूद है. जिसमें आधुनिक तकनीकी के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
लॉ एंड ऑर्डर हुआ बेहतर
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ईटीवी भारत को बताया कि इन 4 सालों के भीतर कानून व्यवस्था को काफी दुरुस्त किया गया है. जिसमें नशे के खिलाफ काफी वृहद स्तर पर न सिर्फ अभियान चलाए गए. बल्कि कई बड़े कार्य भी किए गए. जिसकी विपक्ष ने भी सराहना की है. इस दौरान करीब एक हजार अपराधियों को पकड़ा भी गया, जो नशे के सौदागर थे. इसके साथ ही उत्तराखंड में थाना नीति की व्यवस्था भी शुरू की गई. जो किसी दूसरे राज्य में मौजूद नहीं है. इसके साथ ही राज्य में बढ़ती क्राइम पर काफी हद तक अंकुश लगाई गई है. पुलिस ने इन चार सालों में केसों का तेजी से खुलासा किया है.
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रोड कनेक्टिविटी और पर्यटन के क्षेत्र में हुए बेहतर कार्य
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक उत्तराखंड में इन 4 सालों में रोड कनेक्टिविटी काफी बेहतर हो गई है. पिछले 17 सालों में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जो सड़कें बनी थीं, उतनी ही सड़कें इन 4 सालों के भीतर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई गई है. ऐसे में 5 साल पूरा होते होते 17 सालों में बनाई गई सड़कों के आंकड़े को मात्र 5 साल में ही क्रॉस कर दिया जाएगा. रोड कनेक्टिविटी को काफी बेहतर बनाने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए गए हैं.
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पर्यटन के क्षेत्र में थोड़ी बाधा जरूर आई. लेकिन, अब पर्यटकों की संख्या उत्तराखंड में बढ़ने लगी है. इसके साथ ही पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए 13 जिले 13 डेस्टिनेशन पर भी कार्य किया गया है. इस योजना के तहत चार पांच जिलों में डेस्टिनेशन डेवलप भी हो गए हैं और दूसरे जगहों के भी डेस्टिनेशन को डेवलप किया जा रहा है.
दो फैसले रहे महत्वपूर्ण
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक उनके कार्यकाल में दो फैसले राज्य के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण रहे हैं. पहला प्रदेश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लाया गया. उत्तराखंड के आर्थिकी में बहुत बड़ा योगदान देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड करने वाला है. देश के कई धार्मिक स्थानों पर प्रबंधन बोर्ड बने हुए हैं. जहां भी प्रबंधन बोर्ड बने हैं, वहां पर श्रद्धालुओं को न सिर्फ बेहतर सुविधा उपलब्ध हो रही है. बल्कि उस राज्य की आर्थिकी पर भी इसका असर साफ तौर से देखा जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इन 4 सालों के भीतर दूसरा बड़ा फैसला प्रदेश की महिलाओं को उनके पति की पैतृक भूसंपत्ति में हक दिलाना है. त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक इस फैसले से समाज के विकास में महिलाओं का एक बड़ा योगदान भी भविष्य में देखने को मिलेगा.
सवाल: प्रदेश में मुख्यमंत्रियों की एक ही शिकायत रही है कि हमेशा उन्हें अंदरखाने से नुकसान पहुंचता है. ऐसे में क्या आपको भी अंदरखाने से नुकसान पहुंचाया गया है.