देहरादून:उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के बयान पर अडिग हैं. रविवार को उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी देती है तो इसे पूरी तरह निभाएंगे, लेकिन किसी दूसरे का चयन करती है तो भी वह उसका पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया तो भाजपा अपने संगठन और धनबल की बदौलत आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है.
रविवार को ट्वीट करते हुए हरीश रावत ने लिखा कि 'अपने मुख्यमंत्रित्व काल में अलविदा जुमे की नमाज के लिए एक घंटे के स्वैच्छिक अवकाश की सुविधा लागू करने की वजह से विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई. हरिद्वार में गंगा तट के किनारे आत्ममंथन करने के बाद रावत ने अपने सोशल मीडिया पेज पर अपने मन की बात लिखी. रावत ने लिखा कि गंगा जी के चारों तरफ कुछ अराध्य पुरुषों, भगवान कश्यप, भगवान बाल्मिकि, आदि के नाम से घाट बने हैं. इनमें से अधिकांश घाटों का नामकरण मेरे कार्यकाल में हुआ. हरीश रावत ने आगे लिखते हुए कहा कि खुद को सभी धर्मों का आदर करने का दिखाने के लिए मैने परशुराम जयंती के अवकाश के साथ ही एक और निर्णय किया था.
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