उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

किस 'स्थान' परिवर्तन की बात कर रहे हैं हरीश रावत, क्या छोड़ रहे कांग्रेस का 'हाथ' ? - Harish Rawat social media post

पूर्व सीएम हरीश रावत समय-समय पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात लोगों के बीच रखते हैं. इस बार उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि मेरा स्वास्थ्य और राजनीतिक स्वास्थ्य, दोनों स्थान परिवर्तन चाह रहे हैं.

Harish Rawat remembered the colleagues
साथियों को हरदा ने किया याद

By

Published : Apr 12, 2022, 10:17 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 10:25 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड की राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत को लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. जिससे उनके राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल छाये हुए हैं. वहीं, पार्टी में अपनी अनदेखी को लेकर भी हरदा इन दिनों आहत नजर आ रहे हैं. जिसको लेकर गाहे-बगाहे वो सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां करते रहते हैं. जो आये दिन खबरों में सुर्खियां बनी रहती है.

एक फिर हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि एक समय था, जब उत्तराखंड प्रवासियों में कांग्रेस का बड़ा दबदबा था. आज वो दबदबा भाजपा और आप का बन गया है. मेरे मन में लालसा है कि एक बार फिर दिल्ली स्थित उत्तराखंड प्रवासियों में कांग्रेस ka मजबूत करूं. खैर ये विचार हैं देखिए मन और मस्तिष्क क्या कहता है? जिधर दोनों एक साथ कहेंगे, उस ओर चल पडूंगा.

उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि मेरा स्वास्थ्य और राजनीतिक स्वास्थ्य, दोनों स्थान परिवर्तन चाह रहे हैं. अर्थात उत्तराखंड से दिल्ली की ओर प्रस्थान किया जाए. जब भी मैं दिल्ली जाने की सोचता हूं तो बहुत सारे ऐसे साथी, जिन्होंने 1980 के बाद मुझे सहारा दिया और दिल्ली से परिचित करवाया, उनकी याद आती है.

ये भी पढ़ें:CM धामी ने पीतांबरा पीठ में की पूजा अर्चना, वनखंडेश्वर महादेव का किया जलाभिषेक

इसमें कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मुझे प्रवासी बंधुओं का भी प्रियपात्र बनाया और देश के कर्मचारी और श्रमिक संगठनों का भी प्रियपात्र बनाया. उनकी मुझे बहुत याद आती है. उनमें से कुछ अब हमारे बीच हैं, कुछ नहीं हैं. श्रमिक संगठनों में ललित माखन और रंगराजन कुमार मंगलम के साथ काम प्रारंभ किया. हमारे साथी सांगले साहब, मोटवानी, जयपाल, कृष्णमूर्ति तो आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन मंगल सिंह नेगी, एमजे खब्बर, डीके यादव आज भी सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं.

ऐसे समय में जब कर्मचारी संगठनों में कांग्रेस का असर निरंतर घट रहा है. मेरा मन बार-बार कह रहा है कि देश भर में फैले हुए अपने पुराने साथियों को जो आज भी सक्रिय हैं, उन्हें जोड़ू और पुराने संगठन को खड़ा करूं. इसी तरीके से उत्तराखंड के प्रवासियों बंधुओं में चाहे कुमाऊं हो या गढ़वाल हो, बहुत सारे लोगों ने मुझे रामलीलाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भी बहुत सारे सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से मुझे, दिल्ली में रह रहे गढ़वाली और कुमाऊंनी भाईयों से जोड़ा.

ये भी पढ़ें:कांग्रेस संगठन में गढ़वाल की उपेक्षा पर राजनीतिक जानकारों को नजर आ रहा 'दांव', पढ़िए क्या कहा

ये सब लोग मुझे ऐसी बैठकों में लेकर के जाते थे. गढ़वाल के लोगों के साथ मेरा जुड़ाव बढ़ाने में हमारे तत्कालीन सांसद त्रेपन सिंह नेगी का भी बड़ा योगदान था. मैं सत्तारूढ़ पार्टी का सांसद था, वो कांग्रेस के विरोध में थे. राज्य आंदोलन के दिनों में धीरेंद्र प्रताप, हरिपाल रावत सहित बहुत सारे लोग साथ रहें, इनमें से कुछ लोग अब हमारे बीच नहीं रहे. बहुत सारे लोग आज भी सार्वजनिक जीवन में बहुत सक्रिय हैं.

Last Updated : Apr 12, 2022, 10:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details