देहरादून:ऐसा कहा जाता है कि राजनीति में न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही दुश्मन. ये बात इन दिनों उत्तराखंड भाजपा के दो बड़े कद्दावर नेताओं पर सटीक बैठती नजर आ रही है. उत्तराखंड के पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की दुश्मनी तो जग जाहिर है. लेकिन इस बार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत को लेकर जो बयान दिया है, उसे सुनकर शायद आप भी चौंक जाएंगे. जी हां, क्योंकि त्रिवेंद्र रावत ने अपने धुर विरोधी हरक सिंह रावत को भाई बताया है.
उत्तराखंड में भाजपा के राजनीतिक समीकरण अब कुछ बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री हरक सिंह रावत के बीच की लड़ाई कुछ खत्म होती दिख रही है. हालांकि, मनभेद का कम होना मुश्किल है. लेकिन कुछ बात है कि चुनाव से पहले भाजपा में राजनीतिक समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश भाजपा में किस रूप में बदल रहे हैं समीकरण और त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूं अचानक हरक सिंह रावत भाई क्यों लगने लगे?
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत के बीच की लड़ाई पिछले कुछ दिनों से शांत नजर आ रही है. यूं तो इसे सामान्य राजनीतिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि इसके पीछे भाजपा संगठन की वो हिदायद है, जो सभी पार्टी नेताओं पर लगाम कसे हुए हैं. पिछले दिनों पार्टी के अंदर लगातार अनुशासनहीनता के बढ़ते मामलों के बाद पार्टी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया था.