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चुनावी घड़ी आई तो विरोधी बने भाई, जानें हरक को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्या कहा? - Trivendra and Harak fight

उत्तराखंड बीजेपी में दो विरोधी अब एक दूसरे के मुरीद होने लगे हैं. कभी त्रिवेंद्र और हरक अपनी राजनीतिक दुश्मनी के लिए जाने जाते थे. वहीं, अब त्रिवेंद्र रावत इस दूरी को पाटने की कोशिश कर रहे हैं. तभी तो हरक को लेकर हमलावर रहने वाले त्रिवेंद्र ने उन्हें अपना भाई बता रहे हैं.

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हरक को लेकर त्रिवेंद्र रावत ने क्या कहा

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Published : Nov 14, 2021, 4:57 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 5:41 PM IST

देहरादून:ऐसा कहा जाता है कि राजनीति में न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही दुश्मन. ये बात इन दिनों उत्तराखंड भाजपा के दो बड़े कद्दावर नेताओं पर सटीक बैठती नजर आ रही है. उत्तराखंड के पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की दुश्मनी तो जग जाहिर है. लेकिन इस बार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत को लेकर जो बयान दिया है, उसे सुनकर शायद आप भी चौंक जाएंगे. जी हां, क्योंकि त्रिवेंद्र रावत ने अपने धुर विरोधी हरक सिंह रावत को भाई बताया है.

उत्तराखंड में भाजपा के राजनीतिक समीकरण अब कुछ बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री हरक सिंह रावत के बीच की लड़ाई कुछ खत्म होती दिख रही है. हालांकि, मनभेद का कम होना मुश्किल है. लेकिन कुछ बात है कि चुनाव से पहले भाजपा में राजनीतिक समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश भाजपा में किस रूप में बदल रहे हैं समीकरण और त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूं अचानक हरक सिंह रावत भाई क्यों लगने लगे?

चुनावी घड़ी आई तो विरोधी बने भाई.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत के बीच की लड़ाई पिछले कुछ दिनों से शांत नजर आ रही है. यूं तो इसे सामान्य राजनीतिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि इसके पीछे भाजपा संगठन की वो हिदायद है, जो सभी पार्टी नेताओं पर लगाम कसे हुए हैं. पिछले दिनों पार्टी के अंदर लगातार अनुशासनहीनता के बढ़ते मामलों के बाद पार्टी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया था.

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इसके बाद हरक सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह के साथ-साथ उमेश शर्मा काऊ और बाकी नेता कुछ ठंडे पड़ते हुए दिखाई दिए थे. दरअसल पार्टी ने साफ कर दिया था कि नेता कोई भी हो अनुशासन पर कड़ा एक्शन होगा, इसी को लेकर भाजपा संगठन महामंत्री कुलदीप कुमार ने भी पार्टी में अनुशासनहीनता करने वालों को लेकर कई कमेटियां गठित होने और किसी भी स्थिति में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करने की बात कही.

वैसे पार्टी की सख्ती का असर दिखाई देने लगा है. यही कारण है कि हरक सिंह रावत पिछले लंबे समय से पार्टी विरोधी बयानों से बचते हुए नजर आ रहे हैं. उधर अब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजनीति में अपने धुर विरोधी हरक सिंह रावत को भाई बता रहे हैं. त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हरक और वो साथ के ही हैं. हालाकिं हरक की उम्र उनसे कुछ ज्यादा होगी, लेकिन वे साथ के ही हैं और वो उनके भाई हैं. हरक सिंह रावत ने अब तक जो भी बयान उनको लेकर दिए हैं. वह सब बात हरक सिंह ने अपने भाई के लिए ही कही हैं.

Last Updated : Nov 14, 2021, 5:41 PM IST

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