हरक सिंह रावत का त्रिवेंद्र पर आरोप डोईवाला: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं. उन्होंने बीजेपी सरकार के विकास कार्यों पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. हरक सिंह रावत ने डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में बनी सूर्यधार झील को लेकर कहा कि करोडों रुपये लगाने के बाद भी झील का जनता कोई फायदा नहीं मिल रहा है. हरक सिंह रावत ने ये बयान डोईवाला में दिया, जहां वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने आए थे.
बैठक में हरक सिंह रावत ने कई और मुद्दों को लेकर भी बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने कई लोगों को जिताकर केंद्र तक भेजा है, लेकिन सब ने डोईवाला की अनदेखी की है. हरक सिंह रावत का मानना है कि डोईवाला का जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है. हरक सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं.
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हरक सिंह रावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लगाने में करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन आज एक रुपए का फायदा भी किसानों को नहीं मिल रहा है. केवल जमीनों के रेट बढ़ाने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया. इस प्रोजेक्ट में करीब 64 लाख रुपए का खर्च आया था.
हरक सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनता से किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया. त्रिवेंद्र ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए झील का निर्माण करवाया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत के वादों पर कुछ लोगों ने वहां पर जमीनें खरीदने का काम किया है, जिससे वहां जमीनों के दाम बढ़ गए. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर आगामी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा है.
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क्या है सूर्यधार झील प्रोजेक्ट:बता दें कि सूर्यधार झील का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल में किया था.झील का निर्माण लगभग 64 करोड़ की लागत से सिंचाई विभाग ने किया था. इस झील के बनने के बाद 19 गांवों में सिंचाई की समस्या को दूर करने की बात कही गई थी और झील से करोड़ों रुपए की बिजली की बचत की बात भी कही गई थी और झील के बनने के बाद पर्यटन क्षेत्र में भी गतिविधि बढ़ने और रोजगार के साधन उपलब्ध होने की बातें जनता के बीच बताई गई थी. लेकिन 2 साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सूर्य धार झील में नाम मात्र का पानी है.
करोड़ों रुपए लगाने के बाद भी सूर्य धार झील जिस मकसद से बनाई गई, वह मकसद पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. 19 गांव को पानी देने का जो वादा किया गया था, उन गांवों में आज भी सिंचाई के लिए पानी की समस्या बनी हुई है. झील में पानी कम होने की वजह से पर्यटन की संभावनाएं भी अधूरी दिखाई दे रही हैं.
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गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी सूर्य धार झील के निर्माण कार्यों पर सवाल खड़े कर चुके हैंं. उन्होंने झील के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारी डीके सिंह को निलंबित कर दिया था.