देहरादून: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बची सिंह रावत का निधन हो गया है. 11 अप्रैल को बची सिंह रावत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और तबीयत बिगड़ने पर ऋषिकेश एम्स में भर्ती करवाया गया था. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बची सिंह रावत फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे थे. बची सिंह रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दुख जताया है.
शनिवार को उन्हें फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर द्वारा एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था. एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि रविवार रात उनकी हालत अचानक और बिगड़ गई. इस दौरान उनकी पत्नी और बेटा भी उनके साथ थे. वह फेफड़ों में संक्रमण से ग्रसित थे. एम्स आईपीडी में संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन व जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों द्वारा उनका उपचार किया जा रहा था, जहां इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. चिकित्सको ने उन्हें सीपीआर दिया, लेकिन 8.47 मिनट पर उन्होंने दम तोड़ दिया. निधन के बाद उनका कोरोना सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट सोमवार सुबह तक आएगी.
बता दें कि बची सिंह रावत 4 बार सांसद रहे चुके हैं. वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री भी थे. बची के निधन से भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है. कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने बची दा के निधन को बड़ी क्षति बताया है.
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बची सिंह रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा-
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री बची सिंह रावत जी के निधन से बहुत दु:ख पहुंचा हैं. उनका पूरा जीवन जनहित और देशहित में समर्पित रहा. शोक इस घंड़ी में उनके परिजनों और शुभचितकों के प्रति मैं गहरी संवेदना प्रकट करता हूं.