हल्द्वानी:उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र (Uttarakhand Forest Research Center) कई विलुप्त प्रजातियों के पौधों को संरक्षित कर उनकी पहचान दिलाने का काम किया है. इसी के तहत वन अनुसंधान केंद्र लालकुआं (Forest Research Center Lalkuan) ने देश-विदेश के विलुप्त हो रहे तुलसी के पौधों को संरक्षित करने का काम कर रहा है. जिसके तहत तुलसी वाटिका (Tulsi Vatika) की स्थापना कर उसमें तुलसी के पौधों को स्थापित करने का काम कर रहा है. जिससे कि उनकी औषधीय गुणों की पहचान हो सके.
वाटिका के माध्यम से अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रहे 24 प्रजातियों के तुलसी के पौधों को संरक्षित करने का काम कर रहा है.
वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रहे कई पौधों को संरक्षित करने का काम किया है. इसके अलावा कई अन्य वाटिका के माध्यम से कई प्रजातियों के पौधों को उनकी पहचान भी दिला रहा है. अब तुलसी वाटिका के स्थापना की है जिसके तहत अभी तक 24 प्रजातियों के देश-विदेश के तुलसी के पौधे लाकर यहां पर संरक्षित किया गया है.