मंत्री सुबोध उनियाल ने सरकार की योजनाओं का बखान किया. देहरादूनःआगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भाजपा दमखम से तैयारी कर रहा है. भाजपा संगठन, धामी सरकार की तमाम योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचकर अपने विभागों की तमाम कार्यों और योजनाओं का बखान किया.
मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन एक महत्वपूर्ण विभाग है. क्योंकि उत्तराखंड में 72 फीसदी वन क्षेत्र है. पहले लोगों की आजीविका वन पर निर्भर थी. लेकिन ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज की समस्या को देखते हुए भारत सरकार ने 1980 में फॉरेस्ट रिजर्वेशन एक्ट 1980 बनाया. वन और वन भूमि पर प्रतिबंध लगाया गया. इसके कारण लोगों की वनों से कनेक्टिविटी खत्म होती चली गई. ऐसे में उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि आम आदमी को वनों से जोड़ा जाए, आम आदमी के आजीविका में वनों का प्रभाव हो.
वनाग्नि की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी:उन्होंने आगे कहा, इसके लिए उत्तराखंड सरकार कई नए एक्ट बनाने जा रही है. ताकि लोगों को वनों से जोड़ा जा सके. उनकी आजीविका को मजबूत किया जा सके. इसके अलावा प्रदेश में पहली बार वन अग्नि की घटनाओं में क्विक रिस्पांस के लिए वन सभा में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में वन अग्नि प्रबंधन समिति का गठन किया गया. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर वनाग्नि प्रबंधन समिति बनाई गई. इस समिति के गठन के बाद प्रदेश में वन अग्नि की घटनाओं में पिछले साल करीब 50 फीसदी की कमी आई है.
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हर्बल मिशन पर जोर:कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा, प्रदेश में 11,230 वन पंचायते हैं. ऐसे में इन वन पंचायतों में रहने वाले लोगों के आर्थिक लाभ के लिए तमाम कार्य किए जा रहे हैं. इसके तहत वन पंचायतों के माध्यम से करीब 4 करोड़ रुपए का हर्बल मिशन शुरू करने जा रहे हैं. लिहाजा, हर्बल मिशन के तहत हर्बल खेती करने के साथ ही हर्बल नर्सरी भी बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा वन पंचायतों में फलदार वृक्ष लगाकर भी ग्रामीण पैसे कमा सकेंगे. यही नहीं, प्रदेश में हर्बल टेस्टिंग लैब भी एक करोड़ की लागत से बनाया जाएगा, जिससे हर्बल की टेस्टिंग भी यहीं हो पाएगी.
27 पेड़ों की कटाई पर रोक: सुबोध उनियाल ने कहा कि ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में 27 पेड़ों की प्रजातियां को छोड़ सभी पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई गई है. लिहाजा, किसी निजी भूमि पर प्रतिबंध युक्त पेड़ लगाया गया है तो उसे काटने के लिए वन विभाग से परमिशन लेना पड़ता है. ऐसे में सरकार ट्री प्रोटेक्शन एक्ट को व्यावहारिक बनाने की कवायद में जुटी हुई है. इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित नई ट्री प्रोटेक्शन एक्ट में सिर्फ 21 पेड़ों की प्रजातियां पर प्रतिबंध रहेगा. बाकी सभी पेड़ों की प्रजातियों को प्रतिबंध मुक्त रखा जाएगा. चीड़ के पेड़ को भी इस नए एक्ट में प्रतिबंध मुक्त रखा जाएगा, यानी अगर किसी निजी भूमि पर चीड़ का पेड़ लगा हुआ है तो उसे काटने के लिए वन विभाग से परमिशन की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा निजी वन और बगीचे को नष्ट करने पर जेल का भी प्रावधान किया जाएगा. जबकि अभी फिलहाल जुर्माने का ही प्रावधान है.
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मानव-वन्यजीव संघर्ष में आई कमी: मंत्री ने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष पर लगाम लगाने के लिए तमाम निर्णय लिए गए. हाथी द्वारा मकान के नुकसान पर जो मुआवजा मिलता था, वही मुआवजा भालू द्वारा मकान के नुकसान पर मिलेगा. 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 के बीच वन्यजीव संघर्ष के जनहानि में 61.67 फीसदी की कमी आई है. इसी तरह वन्यजीव संघर्ष में घायलों के आंकड़ों में 42.78 फीसदी की कमी आई है. सरकार ने ततैया के काटने पर अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसे भी मुआवजा देने का प्रावधान किया है. साथ ही इको डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से 2 लाख लोगों को रोजगार देने का निर्णय लिया गया. चौरासी कुटिया के वर्तमान स्वरूप को संरक्षित करते हुए नए पर्यटक स्थल के रूप में डेवलप करने की कार्रवाई चल रही है.
इंटीग्रेटेड इंजीनियरिंग कॉलेज कॉन्सेप्ट पर काम: मंत्री उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार ने पहली बार तकनीकी शिक्षा के तहत इंटीग्रेटेड इंजीनियरिंग कॉलेज कॉन्सेप्ट पर काम कर रही है, जिसके लिए 3 जगह देहरादून, नरेंद्र नगर और काशीपुर को चिन्हित किया गया है. नरेंद्र नगर में इसी सत्र से कक्षाएं चलने शुरू हो जाएंगी. लिहाजा, एक छत के नीचे डिप्लोमा से लेकर डिग्री और एम टेक तक की शिक्षा मिलेगी. इसके अलावा 10 नए कोर्स को भी शुरू किया गया है. इसके अलावा, डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए छात्रों को तकनीकी की हर पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी.
अमित शाह से की मुलाकात:मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड की दो मुख्य बोली गढ़वाली और कुमाऊंनी को भारत के संविधान में शामिल किया जा सके, इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इसके साथ ही उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान भी शुरू किया गया है. लिहाजा हर साल बेहतर साहित्यकार को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
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