देहरादून: देवभूमि में गर्मियों का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटना आम हो गई है. हर साल गर्मियों के सीजन में वनाग्नि के चलते सूबे में हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो जाते है. इससे न सिर्फ वन संपदा का नुकसान होता है बल्कि जंगलों में रहने वाले जीव-जन्तुओं के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगता है. बावजूद इसके वन महकमा बस मूकदर्शक बना हुआ है. हालांकि, प्रदेश में मानसून आने में कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन, गर्मियों के सीजन शुरू होने से अभी तक वन विभाग, फॉरेस्ट गार्डों की नियुक्ति तक नहीं कर पाया है. मौजूदा समय में वन विभाग में करीब 1551 फारेस्ट गार्डों के पद खाली है.
उत्तराखंड के युवाओं के लिए खुशखबरीः वन महकमे में 1218 पदों पर जल्द होगी भर्ती - Chief forest conservator uttarakhad
बता दें कि प्रदेश में जल्द ही मानसून दस्तक देने वाला है. लेकिन मानसून से पहले ही पहाड़ी क्षेत्रों में कई हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की चपेट में आ चुके हैं. इसका एक बड़ा कारण वन महकमे में मानव संसाधन की कमी भी है. मुख्य वन संरक्षक, कार्मिक प्रशासन मनोज चंद्रन ने बताया कि प्रदेशभर में कुल 3650 फॉरेस्ट गार्डों के पद स्वीकृत हैं. जिसमें से 2099 पद ही भरे हुए हैं. जबकि, 1551 पद अभी रिक्त है.
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नियमितीकरण का मामला है न्यायालय में लंबित
मुख्य वन संरक्षक, कार्मिक प्रशासन मनोज चंद्रन ने बताया कि न्यायालय ने नियमितीकरण का मामला विचाराधीन है. पुराने कुछ डेली वेजेज वाले कुछ कर्मचारी अपनी नियमितीकरण को लेकर न्यायालय के समक्ष चले गए थे और कहा कि था जबतक डेली वेजेस कर्मचारियों का नियमितीकरण विभाग में नहीं होता तबतक विभाग में फारेस्ट गार्ड की नई भर्ती न की जाए. साथ ही उन्होंने कि उन डेली वेजेस कर्मचारियों के लिए भी 300 पद रखे गए हैं. इसमें जो योग्य होगा उन्हें ही महकमे में भर्ती किया जाएगा. वहीं, वन महकमे द्वारा खुली भर्ती के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि विभाग के पास पर्याप्त पद रिक्त है, जिस वजह से खुली भर्ती पर रोक न लगाया जाए.