देहरादून:उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर को लेकर आने वाले दिन खासी परेशानी भरे दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम के शुष्क रहने की उम्मीद जताई है. जिसके चलते राज्य भर में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है और उसका सीधा असर फॉरेस्ट फायर पर पड़ेगा. वन विभाग भी इन आशंकाओं पर हामी भरते हुए वनाग्नि की संभावित घटनाओं के लिए तैयार रहने की बात कह रहा है.
प्रदेश में तापमान बढ़ने से फॉरेस्ट फायर की घटनाओं में हो सकता है इजाफा,अधिकारी तैयारियों का दे रहे हवाला - Forest fire incidents increase
उत्तराखंड में अभी तक बारिश ने फॉरेस्ट फायर में राहत दी थी. लेकिन आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं. मौसम विभाग की चेतावनी ने वन विभाग के माथे पर शिकन पैदा कर दी है. आने वाले दिनों में मौसम के शुष्क रहने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे जंगलों में फायर की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
राज्य में फॉरेस्ट फायर सीजन वैसे तो 15 फरवरी से 15 जून तक होता है. लेकिन इस बार मौसम में बदलाव के चलते वन विभाग के लिए फॉरेस्ट फायर का अधिकतर समय राहत भरा रहा है. मई महीने में भी उस दिन तापमान में बढ़ोतरी के बाद अधिकतर दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहा. जिसके कारण न केवल तापमान में कमी आई है बल्कि इससे पर्यावरण में भी नमी आयी, जिसका सीधा फायदा वनाग्नि की घटनाएं कम होने के रूप में दिखा. राज्य में फॉरेस्ट फायर को लेकर अब तक की स्थिति को देखें तो 1 नवंबर 2022 से अब तक कुल 395.11 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़े.
पढ़ें-अभी से ही धधक रहे जंगल, वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट में 200 करोड़ की व्यवस्था
किस तरह राज्य को करीब 1089620 रुपए का नुकसान हुआ है. राज्य में अब तक 321 आग लगने की घटनाएं जंगल में हो चुकी हैं. यह आंकड़ा मौजूदा लिहाज से देखें तो बेहद कम है और इसके कम होने की वजह इस बार के रेनी वेदर को माना जा सकता है.हालांकि अब तक जंगल में लगी आग के चलते दो लोगों की मौत हो चुकी है और 2 लोग घायल हो चुके हैं. फिलहाल मौसम विभाग की भविष्यवाणी के लिहाज से वन विभाग ने अपनी कमर कस ली है और आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के चलते जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है. हालांकि वन विभाग की मानें तो इसके लिए सभी तैयारियां कर दी गई हैं और स्थानीय लोगों की मदद के साथ कर्मचारियों को वनों में मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं.