देहरादून: प्रदेश में बीते कुछ सालों में हुई वन्यजीवों का मौत को लेकर अब विभाग हरकत में आ गया है. विभाग ने अब वन्यजीवों को सड़क और रेल दुर्घटनाओं से बचाने के लिए कमर कस ली है. बीते 18 सालों में इन दुर्घटनाओं में बड़े पैमाने पर वन्य जीवों की मौत हुई हैं. साल 2018 में 63 हाथियों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो चुकी है, जबकि, 13 हाथी ट्रेन की चपेट में आकर मारे जा चुके हैं.
उत्तराखंड वन बाहुल्य प्रदेश माना जाता है. इसके अलावा राज्य में कॉर्बेट और राजाजी जैसी राष्ट्रीय पार्क मौजूद है. जिनमें जंगली जानवरों की अच्छी खासी तादात है और इन वन्यजीवों को को देखने के लिए साल भर यहां पार्कों में पर्यटकों का तांता लगा रहता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते 18 सालों में 128 तेंदुए दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं. जिसमें से 41 की मौत सड़क दुर्घटना की वजह से हुई है. जबकि, 6 तेंदुए ट्रेन एक्सीडेंट में मारे गए है. वहीं, इसी दौरान 17 टाइगर भी अलग-अलग दुर्घटनाओं में मारे गए है. लिहाजा, वन विभाग ने अब इन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है.