देहरादून: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों से चिंतित वन विभाग ने अब इससे जुड़ी शिकायतें और सूचनाओं के लिए कॉल सेंटर बनाने की तैयारी कर ली है. इस सेंटर से न केवल प्रदेश भर के मामलों में सूचनाओं के बाद संबंधित अधिकारियों को फौरन कार्रवाई के लिए जानकारी दी जाएगी, बल्कि ऐसे सभी कॉल का डाटा भी एकत्रित किया जाएगा जिसके जरिए संवेदनशील क्षेत्रों को भी वन विभाग चिन्हित कर सकेगा.
उत्तराखंड में बढ़े वन्य जीवों के हमले: उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्र वन्यजीवों के खतरे को लेकर बेहद संवेदनशील होते जा रहे हैं. खास बात यह है कि वन्यजीवों के आतंक के चलते अब स्थानीय लोगों का भी सब्र टूट रहा है. आक्रोशित लोग एक तरफ वन्यजीवों के खिलाफ आक्रामकता दिखा रहे हैं, वहीं कई लोग पलायन को भी मजबूर हैं. इतना ही नहीं लोगों का ऐसे हालातों में सरकार के खिलाफ भी माहौल तैयार हो रहा है.
वन्य जीवों को लेकर कॉल सेंटर: इन्हीं स्थितियों को देखते हुए वन विभाग ने राज्य में वन्यजीवों को लेकर कॉल सेंटर तैयार करने का फैसला लिया है. जानकारी के अनुसार जल्द ही प्रदेश में इसके लिए एक कॉल सेंटर तैयार कर लिया जाएगा, जिसमें वन्यजीवों से जुड़ी जानकारी प्रदेश भर के लोग दे सकेंगे. खास बात यह है कि इस कॉल सेंटर में जानकारी दिए जाने के बाद फौरन संबंधित रेंज में अधिकारियों को सूचित कर इस पर कार्रवाई के निर्देश भी निर्गत होंगे. उधर ऐसे मामलों में आने वाली शिकायतों का भी संकलन किया जाएगा, ताकि प्रदेश भर में वन्यजीवों के खतरे को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया जा सके और इससे जुड़े अध्ययन भी किए जा सकें.
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कॉल सेंटर पर लोग देंगे शिकायत और सुझाव: आपको बता दें कि इससे पहले त्रिवेंद्र सरकार में वन्यजीवों के खतरे को समझते हुए 1926 टोल फ्री नंबर जारी किया गया था, जिसमें मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए लोग अपनी शिकायत रख सकते हैं. लेकिन अब वन विभाग खुद ही एक कॉल सेंटर तैयार कर रहा है, जहां वन्यजीवों के खतरे और उनके आतंक से बचने के लिए लोग अपनी शिकायत और सुझाव दे सकते हैं. इसके अलावा इस कॉल सेंटर के जरिए लोगों को वन्यजीव संघर्ष की स्थिति में जरूरी सुझाव भी दिए जाएंगे. साथ ही कॉल सेंटर के माध्यम से सीधे वन विभाग के अधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा.