देहरादून:केंद्र सरकार 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से प्रचलन से बाहर करने का लक्ष्य बना चुकी है. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में भी सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ सरकार ने अभियान भी चलाया था. अब वन विभाग ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जंग छेड़ दी है. लिहाजा, वन विभाग अब तक इस्तेमाल हो रहे सभी सिंगल यूज प्लास्टिक का सारा सामान नष्ट करने का मन बना चुकी है. इसके साथ ही भविष्य में अब इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
मुख्य रूप से वन विभाग ने भी साल 2022 तक सिंगल यूज पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. उसके लिए सभी सीसीएस, पीएफ और डीएफओ को पत्र भेजकर इस मामले में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि वन विभाग से जुड़े सभी लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग ना करें. साथ ही आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वन विभाग और वन क्षेत्र में अब सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा.
प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में अब अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वन क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही अभी तक जो सामान इस्तेमाल किया गया है, उन सभी सामानों को नष्ट किया जाएगा.
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पत्र के माध्यम से दिए गए जरूरी निर्देश-
- वन क्षेत्रों में स्टाफ और पेट कोको सिंगल यूज प्लास्टिक स्माल करने से रोका जाएगा.
- संरक्षित एवं वन क्षेत्रों में स्थित नदियों के तट झीलों तालाबों में व्यापक रूप से सफाई अभियान चलाया जाएगा.
- संरक्षित क्षेत्रों,आरक्षित वन क्षेत्र, प्राणी उद्यानों एवं वेटलैंड में प्राथमिकता के आधार पर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल को रोका जाएगा.
- सिंगल यूज प्लास्टिक से वन्य जीव और वन पर होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
- वन क्षेत्रों के निकट स्थित पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा.
- सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं, एनसीसी कैडेट्स, ग्राम पंचायतो और वन पंचायत की मदद ली जाएगी.