उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

वन विभाग की टीम ने परमार्थ गुरूकुल की बजाय गरीबों के घरों का किया सर्वे, लोगों ने लगाये ये आरोप - वन विभाग ऋषिकेश न्यूज

हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग के कर्मचारियों पर परमार्थ गुरुकुल का सर्वे करने के बजाए गरीबों के घरों का सर्वे कर उनको धमकाने का प्रयास किया .

parmarth gurukul rishikesh controversy
वन विभाग पर गरीबों को धमकाने का आरोप .

By

Published : Dec 21, 2019, 11:55 PM IST

ऋषिकेश: एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने वीरपुर खुर्द स्थित भूमि का सर्वे कर वन विभाग की भूमि पर काबिज लोगों से कब्जा खाली कराने के आदेश जारी किए थे. वहीं आदेश के बाद वन विभाग की टीम सर्वे करने पहुंची लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने परमार्थ गुरुकुल का सर्वे करने के बजाए गरीबों के घरों का सर्वे करना शुरू कर दिया. वहीं सथानीय लोगों का कहना है कि इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें धमकाने का प्रयास किया .

वन विभाग पर गरीबों को धमकाने का आरोप .

बता दें कि याचिकाकर्ता द्वारा परमार्थ गुरुकुल जो की वीरपुर खुर्द स्थित है उसको लेकर उच्च न्यायालय नैनीताल में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका में परमार्थ गुरुकुल की 35 बीघा वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा बताया गया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय के द्वारा वन विभाग से अपनी भूमि को लेकर स्पष्ट जानकारी मांगी गई.वन विभाग के अधिकारियों ने उच्च न्यायालय को रिपोर्ट करते हुए बताया कि उनकी कुछ भूमि परमार्थ गुरुकुल के कब्जे में है और कुछ भूमि पर लोगों का घर बना हुआ है.

यह भी पढ़ें-सीएए-एनआरसी के बाद आया NPR, जानें क्या है यह

वन विभाग के द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय ने वन विभाग को अपनी भूमि से कब्जा हटाने के आदेश जारी किए. आदेश मिलने के बाद वन विभाग की टीम हरकत में तो आई लेकिन जिस मामले को लेकर याचिका दायर की गई थी उसी मामले की अनदेखी करते हुए वन विभाग के कर्मचारी नजर आए. बीरपुर खुर्द पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने वीरपुर खुर्द में बने मकानों का सर्वे कर चिन्हित किया. लोगों का कहना है कि वन विभाग की टीम ने इस दौरान लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने की धमकी दी. साथ ही उन्होंने परमार्थ गुरुकुल का निरीक्षण तक नहीं किया. जिससे लोग वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

यह भी पढ़ें-विभागीय लापरवाही के चलते दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, सता रहा है बीमारी का डर

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि वे लोग यहां पर पिछले 80 से 90 वर्षों से रह रहे हैं, जबकि परमार्थ गुरुकुल अभी कुछ वर्षों पहले ही यहां बना. लोगों ने परमार्थ गुरुकुल पर आरोप लगाते हुए कहा कि परमार्थ के द्वारा गंगा में भी अतिक्रमण किया गया है. स्थानीय लोगों ने मांग की कि ऐसे में वन विभाग को सबसे पहले परमार्थ गुरुकुल पर कार्रवाई करनी चाहिए .वहीं स्थानीय पार्षद लव कंबोज ने भी कहा कि वन विभाग की टीम गरीब लोगों को धमका रही है .

ABOUT THE AUTHOR

...view details