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एम्स ने शुरू की वैक्सीनेशन की तैयारी, जनवरी के आखिरी हफ्ते में आ सकता है टीका

कोरोना वैक्सीन कभी भी आ सकती है. वैक्सीन आने के बाद व्यवस्थित रूप से वैक्सीनेशन हो इसकी भी तैयारी की जा रही है. एम्स में किए जाने वाले वैक्सीनेशन के लिए यहां के निदेशक प्रोफेसर रविकांत की देखरेख में कमेटी बनाई गई है.

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कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी

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Published : Dec 30, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 7:33 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत कोविड-19 वैक्सिनेशन को लेकर आयोजित बैठक में इसकी रूपरेखा पर चर्चा की गई. संस्थान में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए जाने वाले वैक्सिनेशन के कार्य के व्यवस्थित संचालन के लिए निदेशक एम्स प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में कमेटी का गठन भी किया गया है. इसमें वि​भिन्न विभागों के चिकित्सकों को शामिल किया गया है.

पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को लगेगी वैक्सीन

एम्स में निदेशक प्रो. रवि कांत की अगुवाई में कोविड-19 वैक्सिनेशन की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई. इस अवसर पर निदेशक एम्स ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के तहत पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर, चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर्स व अन्य सहायक स्टाफ मेंबर्स को कोरोना वायरस की रोकथाम के ​लिए वैक्सीन लगाई जाएगी.

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जनवरी के आखिरी हफ्ते में आ सकता है टीका

उन्होंने बताया कि संस्थान में प्रथम चरण के वैक्सिनेशन के कार्य के लिए एक भवन को चिन्हित कर लिया गया है. निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में कोविड वैक्सिनेशन का कार्य जनवरी-2021 के अंतिम सप्ताह से शुरू होने की संभावना है. इसके मद्देनजर उन्होंने संबंधित चिकित्सकों को वैक्सिनेशन के लिए सभी तैयारियां एक सप्ताह में पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं.

प्रो. वर्तिका सक्सेना बनीं कमेटी की चेयरपर्सन

बैठक में एम्स निदेशक की देखरेख में वैक्सिनेशन के लिए समिति का गठन किया गया. इसकी चेयरपर्सन सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना को बनाया गया है.

कैसे होगा वैक्सीनेशन ?

  • राज्य में कुल 13 जिले हैं.
  • 13 जिले दो मंडलों में बंटे हैं.
  • कुमाऊं मंडल में 6 जिले हैं.
  • गढ़वाल मंडल में 7 जिले हैं.
  • उत्तराखंड की आबादी 1 करोड़ 10 लाख के करीब है.
  • राज्य में कोरोना संक्रमण के सक्रिय केस 5 हजार के करीब हैं.

राज्य की भौगोलिक संरचना थोड़ी अलग तरह की है. हर इलाके में वैक्सीनेशन करने में स्वास्थ्य विभाग को तोड़ा मशक्कत करनी पड़ेगी. राज्य के 9 जिले ठेठ पहाड़ी हैं. यहां के दूर-दराज के गांवों तक ज्यादातर पैदल ही जाना पड़ता है. ये मुश्किल भी स्वास्थ्य विभाग के सामने खड़ी रहेगी. राज्य की कनेक्टिविटी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब 2013 में केदारनाथ में आपदा आई थी तो इसकी जानकारी 24 घंटे बाद मिल सकी थी. इसलिए स्वास्थ्य विभाग के सामने वैक्सीनेशन में भी ये मुश्किल आएगी.

उत्तराखंड में अस्पताल

  • जिला अस्पताल- 12
  • महिला अस्पताल- 06
  • बेस अस्पताल- 03
  • संयुक्त अस्पताल- 15
  • सीएचसी- 55
  • पीएचसी- 239
  • सब सेंटर- 1765
  • एलोपैथी डिस्पेंसरी- 322
  • आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी- 543
  • होमियोपैथी डिस्पेंसरी- 107
  • यूनानी अस्पताल- 03

उत्तराखंड के अस्पतालों की बात करें तो यहां 12 जिला अस्पताल, 15 संयुक्त अस्पताल, 55 सीएचसी, 239 पीएचसी, 6 महिला अस्पताल और 1765 सब सेंटर हैं. ये केंद्र ही वैक्सीनेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

Last Updated : Dec 30, 2020, 7:33 PM IST

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